Jabalpur. शिक्षा व्यवस्था की गुणवत्ता सुधारने के लिए शुरू किए गए सीएम राइज स्कूल भले ही अभी ठीक ढंग से संचालित न हो पा रहे हों लेकिन सरकार ने इस योजना के दूसरे चरण के तहत सीएम राइज स्कूल के आसपास के स्कूलों को भी इसमें मर्ज करने का फैसला लिया है। जिसके तहत प्रत्येक सीएम राइज स्कूल के आसपास के स्कूलों के साथ-साथ उन स्कूलों का स्टाफ और विद्यार्थी भी सीएम राइज स्कूल में मर्ज हो जाऐंगे। अभी तक सीएम राइज स्कूलों को संकुल व्यवस्था से मुक्त रखा गया था।
कई स्कूलों में प्राथमिक और माध्यमिक विद्यालय अलग-अलग संचालित होते हैं। उनका नाम भी अलग है। ऐसे में स्कूलों को कैंपस एक व दो के नाम से संचालित किया जा रहा था। स्कूलों का डाइस कोड भी अब एक हो जाएगा। जिसकी मॉनीटरिंग का जिम्मा सीएम राइज स्कूल के प्राचार्य का होगा।
बच्चों का फायदा या नुकसान?
शासन का मानना है कि इसका सीधा फायदा स्कूलों के बच्चों को होगा। सीएम राइज स्कूलों को होने वाली फंडिंग और सुविधाएं मर्ज हुए प्राथमिक और माध्यमिक स्कूलों को भी मिलेंगी। इससे स्कूलों में फर्नीचर, पानी, अलमारी जैसी अन्य सुविधाएं आसानी से मुहैया हो पाऐंगी। जिले में 10 सीएम राइज स्कूलों का संचालन शुरू किया गया है। सीएम राइज करौंदी ग्राम, मेडिकल, अधारताल में दो कैंपस स्कूल संचालित हो रहे थे। 30 स्कूलों का विलय सीएम राइज स्कूलों में किया जाएगा।
सीएम राइज स्कूल करौंदी ग्राम के उपप्राचार्य आर के दीक्षित ने बताया कि सीएम राइज स्कूलों में कैंपस वन-टू व्यवस्था खत्म होकर अब वे एक ही स्कूल कहलाऐंगे। इससे मूलभूत सुविधाओं में इजाफा होगा।