कमलेश सारडा, NEEMUCH. जनपद पंचायत जावद की ग्राम पंचायत बांगरेड के बांगरेड़ खेड़ा से भ्रष्टाचार का मामला सामने आया है। यहां गांव के सचिव पर प्रधानमंत्री आवास सूची से नाम गायब करने और फिर आवास दिलाने के नाम पर 20 हजार रुपये लेने का आरोप लगा है। फरियादी पक्ष ने इसकी शिकायत करते हुए न्याय की गुहार लगाई है।
भ्रष्टाचार खत्म करने के लिए ऑनलाइन सिस्टम, लेकिन फिर भी हावी
पीएम नरेंद्र मोदी की महत्वाकांक्षी योजना प्रधानमंत्री आवास योजना में भ्रष्टाचार खत्म करने के लिए सभी प्रक्रिया को ऑनलाइन कर दिया गया है। इसके बावजूद सरकारी कर्मचारी भष्टाचार करने से बाज नहीं आ रहे हैं। सरकार की ओर से ऑनलाइन ही खाते में पैसे ट्रांसफर किए जा रहे हैं। बावजूद इसके रिश्वतखोर कर्मचारी आवास दिलाने नाम घटाने बढ़ाने के नाम पर रिश्वतखोरी कर रहे हैं।
सचिव ने शिकायत कर लगाई न्याय की गुहार
मामले की शिकायत करते हुये बांगरेडखेड़ा निवासी जोरसिंह पिता नाथूलाल ने बताया कि पिछले 7 महीने पहले सचिव ने उससे प्रधानमंत्री आवास और पहली किस्त दिलाने के नाम से 20,000 रुपए की मांग की थी। उस समय में महाराष्ट्र में कंबल बेचने गया था। वहां से मैंने मेरे जीजा के अकाउंट में पैसे डलवाए थे जो मेरी पत्नी ने सचिव को दिए। सचिव ने बताया कि 3 महीने में मैं आपके खाते में पहली किस्त डलवा दूंगा। लेकिन काफी समय निकलने के बाद भी जब फरियादी के खाते में पीएम आवास स्वीकृत कर किस्त नहीं आई तो सचिव से संपर्क करने पर बताया कि तुम्हें आवास नहीं मिलेगा। जबकि फरियादी जोरसिंह गरीबी रेखा से नीचे जीवनयापन करने वाली सूची में चयनित है, वही आंख से विकंलाग है और इसके नाम से कोई आवासीय मकान भी नहीं है।
फरियादी ने जनसुनवाई में की शिकायत
इस बात की शिकायत फरियादी ने नीमच में लगने वाली जनसुनवाई में की। जावद एसडीएम और जावद जनपद सीईओ के साथ 181 पर भी की। फरियादी ने बताया कि पहले मेरा नाम पीएम आवास सूची में था और 20 हजार रुपये देने के बाद भी जब योजना का लाभ नहीं मिला तो सचिव देवीलाल वर्मा ने सूची से नाम हटवाकर रिजेक्ट फॉर सिस्टम कह दिया।
पैसे वापस मांगने पर पीड़ित को धमकाया
जब पीड़ित ने सचिव से रिश्वत के पैसे वापस मांगे तो उसने कहा कि जो कर सके करलेना। मामले में फरियादी कई चक्कर जनसुनवाई में और सरकारी दफ्तरों मे काट चुका, लेकिन फिर भी न्याय नहीं मिला। फरियादी ने बताया पहले सूची में नाम था लेकिन बाद में काट दिया।
सचिव ने आरोपों को बताया निराधार
मामले में ग्राम पंचायत सचिव देवीलाल वर्मा ने कहा की जो सूची बनी हुई है वो पूरी पारदर्शिता से बनी हुई है, और इसकी सूची पंचायत पर चस्पा की जा चुकी है। जोरसिंह का नाम सिस्टम से हटा है। जो रिजेक्टेड फॉर सिस्टम की श्रेणी में आता है। बीस हजार की रिश्वत लेने के आरोप निराधार हैं।
मामला संज्ञान में , जांच के आदेश
जिला पंचायत सीईओ गुरुप्रसाद कामत ने कहा कि बांगरेड खेड़ा पंचायत का मामला मेरे संज्ञान में आया है, जिसकी जांच के आदेश भी मैंने जावद जनपद सीईओ को दे दिए हैं।