Neemuch : ऑपरेशन के बाद 1 महीने से बेहोश है लड़का, डॉ. बोले धीरे-धीरे होगा ठीक

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Kamlesh Sarda
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Neemuch : ऑपरेशन के बाद 1 महीने से बेहोश है लड़का, डॉ. बोले धीरे-धीरे होगा ठीक

Neemuch. नीमच का गुप्ता नर्सिंग होम एक बार फिर सुर्खियों में आ गया है। गुप्ता नर्सिंग होम पर गलत इलाज का आरोप लगा है। अपेंडिक्स के ऑपरेशन से पहले डॉक्टर ने बालक को बेहोश किया था लेकिन ऑपरेशन के 1 महीने बाद भी मरीज बेहोश है जबकि डॉ. संजय गुप्ता का कहना है कि बालक रिस्पॉन्स कर रहा है और धीरे-धीरे ठीक होगा। उदयपुर के निजी अस्पताल में 15 साल का अरुण भर्ती है। डॉ. संजय गुप्ता ने गलत उपचार की जिम्मेदारी ली और बालक के उपचार में मदद करने की बात कही थी।



जेके पारस अस्पताल में चल रहा बालक का इलाज



डॉ. गुप्ता ने बालक को उदयपुर के जेके पारस अस्पताल में भर्ती कराया। एंबुलेंस के 7 हजार और इलाज के 3 लाख 35 हजार रुपए डॉ. गुप्ता ने चुकाए। अब बालक के परिजन और ज्यादा पैसों की मांग कर रहे हैं। डॉ. संजय गुप्ता का कहना है कि वे मानवता के नाते इतनी ही मदद कर सकते थे। उन्होंने इलाज का पूरा खर्च उठाने की बात नहीं कही थी। अब वे इससे ज्यादा पैसे नहीं दे सकते।



परिजन ने कलेक्टर से की शिकायत



बालक के परिजन ने कलेक्टर से डॉ. संजय गुप्ता की शिकायत की और कड़ी कार्रवाई की मांग की। कलेक्टर ने मामले की जांच के लिए डॉक्टरों की 5 सदस्यीय कमेटी बनाने की बात कही है। परिजन के आरोप हैं कि बालक की स्थिति ऑपरेशन के लायक नहीं थी लेकिन फिर भी ऑपरेशन किया गया। ब्लडप्रेशर नियंत्रित नहीं होने पर डॉ. संजय गुप्ता ने कहा कि मरीज को उदयपुर या किसी अच्छे चिकित्सालय में ले जाओ। डॉ. संजय गुप्ता ने खुद बालक को जेके पारस अस्पताल में भर्ती कराया और एंबुलेंस में आए खर्च के 7 हजार रुपए भी दिए।



डॉ. संजय गुप्ता ने किया 3 लाख 42 हजार का भुगतान



डॉक्टर संजय गुप्ता पर आरोप हैं कि उन्होंने जेके पारस अस्पताल को बालक के इलाज में लगे 3 लाख 42 हजार रुपए का भुगतान किया। इसके बाद हाथ खड़े कर दिए। बालक के परिजन भूमिहीन हैं, उनके पास आय का कोई स्त्रोत नहीं है। परिजन ने जब डॉक्टर संजय गुप्ता से फोन लगाकर राशि की मांग की तो उन्होंने अभद्र व्यवहार किया। डॉक्टर गुप्ता पर गाली-गलौज करने के भी आरोप हैं। डॉक्टर गुप्ता पर बालक के परिजन को धमकाने के भी आरोप हैं।



'सभी आरोप निराधार, बालक धीरे-धीरे ठीक होगा'



पूरे मामले में डॉ. संजय गुप्ता का कहना है कि उन्होंने बालक के परिजन से कोई अभद्र व्यवहार नहीं किया। उन्होंने गाली-गलौज नहीं की। वे मानवता के तौर पर बालक की पूरी मदद कर रहे थे। उन्होंने इलाज के 3 लाख 35 हजार रुपए और एंबुलेंस के 7 हजार रुपए दिए थे। बालक के परिजन अब और पैसे की मांग को लेकर दबाव बना रहे हैं। डॉ. संजय गुप्ता का कहना है कि ऑपरेशन के दौरान कुछ समय के लिए बालक की दिल की धड़कन बंद हो गई थीं। 30 से 35 सेकंड तक बालक के दिमाग तक ऑक्सीजन नहीं पहुंची इसलिए वो बेहोश है। बालक रिस्पॉन्स कर रहा है और धीरे-धीरे ठीक हो जाएगा।


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