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BURHANPUR. बुरहानपुर के नेपानगर में 6 अप्रैल देर रात अतिक्रमणकारियों ने पुलिस थाने पर हमला कर दिया। करीब अतिक्रमणकारियों ने थाने में आकर पथराव किया। तोड़फोड़ कर इनामी आरोपियों को छुड़ाकर ले गए। हमले में तीन पुलिसकर्मी घायल हुए। बाकड़ी वन चौकी से बंदूकें लूटने वाले 3 आरोपियों को एक दिन पहले (5 अप्रैल) ही पकड़ा था। मुख्य आरोपी हेमा मेघवाल को 6 अप्रैल की शाम बुरहानपुर में मीडिया के सामने पेश कर पुलिस ने रात में नेपानगर थाने में रखा था। रात करीब 3.30 बजे अतिक्रमणकारी तीनों आरोपियों को छुड़ाकर ले गए। घायल पुलिसकर्मियों का इलाज निजी अस्पताल में चल रहा है। पुलिस वाहनों में तोड़फोड़ भी हुई। आरोपी हेमा मेघवाल पर नेपा थाने में ही करीब 6 से ज्यादा केस दर्ज हैं।
हेमा मेघवाल बाकड़ी वन चौकी में हमले का पांचवां आरोपी है। इससे पहले 4 आरोपियों की गिरफ्तारी पुलिस कर चुकी थी। 6 अप्रैल को हेमा को पकड़ा गया था। नेपानगर थाने के लॉकअप में दो अन्य आरोपी भी बंद थे। रात करीब 3.30 बजे 60 अतिक्रमणकारी थाने पहुंचे और पुलिसकर्मियों के साथ मारपीट कर हेमा समेत अन्य आरोपियों को छुड़ाकर ले गए। हमले में एएसआई गुलाब सिंह, अजय मालवीय और एक अन्य पुलिसकर्मी को चोटें आईं। सभी को प्राइवेट अस्पताल में भर्ती कराया गया है। हमले के बाद चप्पे-चप्पे पर पुलिस बल तैनात किया गया है।
थाने में रात को थे 4 पुलिसकर्मी
थाने पर हमले की जानकारी मिलते ही एसपी राहुल कुमार लोढ़ा मौके पर पहुंच गए। उन्होंने बताया कि रात में थाने में चार लोग थे। तीन पुलिकसकर्मियों को हाथ, पीठ में चोट आईं। फिलहाल सभी लोग ठीक हैं। रात में करीब 60 लोग आए थे। उनके चेहरे सीसीटीवी में आए हैं। कल (5 अप्रैल को) हेमा को पकड़ा था। इसके अलावा मगन पटेल, नवाड़ी पटेल और एक अन्य युवक था। आगे की कार्रवाई का प्लान तैयार कर रहे हैं। जल्द उन लोगों के खिलाफ एक्शन लेंगे।
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'मामले में एसपी को बनाया जाए आरोपी'
जागृत आदिवासी संगठन प्रमुख माधुरी बेन ने कहा कि- बाकड़ी वन चौकी से बंदूक लूट का एक आरोपी, बैंक डकैती की योजना में शामिल और अतिक्रमणकारियों का नवाड़ी पटेल व एक अन्य आरोपी को चंद पुलिसकर्मियों के भरोसे कैसे छोड़ दिया गया। क्या पुलिस अधीक्षक राहुल कुमार लोढा को पता नहीं कि वह कितने गंभीर किस्म के आरोपी है। यदि पता है तो फिर क्यों उन्हें नेपानगर के लॉकअप में रखा गया। इस हिंसक गतिविधि संलिप्तता पर एसपी पर धारा 307 में केस दर्ज होने चाहिए। पुलिस अधीक्षक की इस पूरे मामले में मिलीभगत और अपराधियों को संरक्षण देने का दिख रहा है।
'संवैधानिक मूल्यों की रक्षा के लिए बना है संगठन'
जागृत आदिवासी संगठन प्रमुख माधुरी बहन ने कहा हमारा संगठन 20 साल से काम कर रहा है जो संवैधानिक मूल्यों की रक्षा के लिए बना है हर नागरिक को कानूनी अधिकार दिलाने और जल जंगल जमीन को बचाने के लिए काम कर रहा है। सांसद को तह तक जाकर संगठन की जांच करना चाहिए।
तीन दिन सरकारी छुट्टी, स्थगित किया आंदोलन
जागृत आदिवासी संगठन प्रमुख माधुरी बहन ने कहा कि- शुक्रवार को गुड फ्राइडे है। शनिवार और रविवार को सरकारी छुट्टी होने की वजह से कलेक्ट्रेट कार्यालय में कोई सुनने वाला नहीं मिलेगा। इसलिए संगठन का निर्णय है कि 3 दिन के लिए यह आंदोलन स्थगित किया जाता है। सोमवार को फिर आंदोलनकारी यहां पर धरना प्रदर्शन के लिए आएंगे।पुलिस, प्रशासन और वन विभाग से अतिक्रमणकारियों पर कार्रवाई को लेकर प्रदर्शन करेंगे।