संजय गुप्ता, INDORE. नए साल 2023 में प्रदेश की व्यावसायिक राजधानी कहें या फिर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के सपनों का शहर, इंदौर से हर किसी को नई उम्मीदें हैं। खासकर जिस तरह से नए साल के पहले महीने जनवरी में ही प्रवासी भारतीय दिवस और ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट होने जा रही है, इससे विकास को नए पर लगने जा रहे हैं। वहीं राजनीतिक में बीजेपी हो या कांग्रेस दोनों दलों के युवा नेताओं को उम्मीदें जग रही है कि इस बार उन्हें टिकट मिलेगा। आइए देखते हैं किस तरह से इंदौर में उम्मीदें जाग रही हैं।
समिट से लेकर वनडे मैच तक के आयोजन
8 से 10 जनवरी तक प्रवासी भारतीय दिवस और फिर 11 और 12 जनवरी को ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट। पूरे देश और दुनिया की नजरें इंदौर पर रहेंगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राष्ट्रपति दौप्रदी मुर्मू से लेकर कई कई बड़े राष्ट्र अध्यक्ष, प्रवासी भारतीय, कॉर्पोरेट टायकून इंदौर में रहेंगे। ये सिलसिला यहीं खत्म नहीं होगा। फिर जी-20 देशों के कृषि मंत्रियों की भी मीटिंग होना है। खेलो इंडिया के आयोजन भी होना है तो फिर 24 जनवरी को क्रिकेट वनडे मैच भी होना है।
आएगा निवेश, मिलेगा रोजगार
समिट के दौरान इस बार फिर उम्मीदें हैं कि कॉर्पोरेट जगत इंदौर रीजन में निवेश के लिए करार करेगा। पीथमपुर 7 तैयार हो रहा है, नेशनल हाइवे अथॉरिटी का मल्टी लॉजिस्टक हब बन रहा है, तो डीएमआईसी भी तैयार हो जाएगा। इंदौर की कनेक्टिविटी तेजी से बढ़ रही है, इसके साथ ही इंदौर रीजन में पीथमपुर कहो या फिर रतलाम, उज्जैन जैसे एरिया सभी जगह निवेशकों की रुचि बढ़ती जा रही है। अभी औसतन 20 हजार करोड़ का निवेश हर साल आता है जिसके आगे 50 हजार से एक लाख करोड़ होने की उम्मीदें हैं। सामान्य तौर पर एक करोड़ पर एक व्यक्ति का रोजगार मिलता है।
मेट्रो ट्रेन दौड़ेगी
इस साल सितंबर तक प्रॉयरिटी रूट पर मेट्रो दौड़ेगी। हालांकि अभी ट्रायल रन ही होगा और यात्रियों के लिए सुविधा में समय लगेगा लेकिन मेट्रो लंबे विजन के साथ आ रही है। आगे जाकर इसे पीथमपुर, उज्जैन, धार, देवास को जोड़ा जाएगा जिससे ये सभी इंदौर मेट्रोपोलिटियन सिटी में शामिल होंगे।
विधानसभा चुनाव
बाकी बातों से अलग सभी की नजरें केवल नवंबर 2023 के विधानसभा चुनाव में रहेंगी जिसके लिए अक्टूबर के पहले सप्ताह में आचार संहिता लग जाएगी। इस बार गुजरात पैटर्न के चलते बीजेपी के युवा नेताओं को उम्मीद है कि उन्हें टिकट मिलेगा। बीजेपी में कई के टिकट कटेंगे, उधर कांग्रेस को भी लग रहा है कि बस यही मौका है, सत्ता परिवर्तन का बदला लेने का। कांग्रेस में भी टिकटों को लेकर बड़े बदलाव होंगे और नए चेहरे मैदान में दिखेंगे।
ये खबर भी पढ़िए..
सरकार को रिवेन्यू की उम्मीद
मध्यप्रदेश की 11 लाख करोड़ की जीडीपी में इंदौर का हिस्सा पौने 2 लाख करोड़ के करीब का है। राजस्व की बात करें तो हर महीने इंदौर से सरकार को 16 से 17 हजार करोड़ का सभी टैक्स मिलता है। सरकार को उम्मीद है कि ये 25 हजार करोड़ तक जाएगा और मध्यप्रदेश को साल 2026 तक 550 बिलियन डॉलर, करीब 45 लाख करोड़ की मप्र की अर्थव्यवस्था बनाने के सपने में इंदौर का हिस्सा सबसे अहम होगा।