BHOPAL. मध्य प्रदेश की शिवराज सरकार नई रेत नीति लाने जा रही है। यह प्रस्तावित नई रेत नीति उत्तरप्रदेश की तर्ज पर बनेगी। सूत्रों के अनुसार इस प्रस्तावित रेत नीति को जल्द ही लागू किया जा सकता है। प्रस्तावित प्रारूप के अनुसार अब तीन साल की जगह पांच साल का ठेका दिया जाएगा। इसकी वजह रेत के दामों पर नियंत्रण करना बताया जा रहा है।
छोटे-छोटे समूह बनाकर की जा सकती हैं खदानें नीलाम
प्रस्तावित नई रेत नीति के अनुसार जिला स्तर पर छोटे-छोटे समूह बनाकर खदानें नीलाम की जा सकती हैं। प्रस्तावित प्रारूप में जिले में किसी एक बड़े ठेकेदार को ठेका देने से रेत ठेकेदार की मोनोपॉली हो जाती है, जिससे रेत के दाम बढ़ते हैं। नीति में यह प्रावधान किया जा रहा है कि ठेकेदार तय मात्रा से अधिक रेत खनन नहीं कर पाएं। इसके लिए जिला खनिज अधिकारी हर माह खदानों का निरीक्षण करेंगे। वहीं रेत के अवैध उत्खनन और परिवहन पर नजर रखी जाएगी। कलेक्टर इसकी भी रिपोर्ट लेंगे।
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सीसीटीवी कैमरों से की जाएगी निगरानी
प्रस्तावित नई रेत नीति के अनुसार जिले में रेत के ठेके तहसील स्तर पर दिए जाएंगे, जिससे छोटे-छोटे ठेकेदार भी ठेका ले सकें। नीति में खनिज नाकों का प्रावधान किया जाएगा, जहां सीसीटीवी कैमरों की व्यवस्था भी होगी। इससे नाकों से गुजरने वाली रेत की गाड़ियों की निगरानी तो होगी ही, अवैध परिवहन और झगड़ों की स्थिति पर जिम्मेदारों के खिलाफ कार्रवाई करने में भी आसानी होगी। प्रधानमंत्री आवास योजना में बनने वाले मकानों के लिए मुफ्त में रेत दी जाएगी। वर्तमान में 12 ठेकों की अवधि 30 जून 2023 एवं 12 अन्य ठेकों की अवधि 30 अगस्त 2023 तक है।