Jabalpur. जबलपुर में शुक्रवार की रात अनेक ठिकानों पर मारे गए एनआईए के छापों में टीम को डिजिटल डिवाइस समेत कई आपत्तिजनक सामान बरामद हुआ था। वहीं ओमती निवासी अधिवक्ता अहदुल्ला उस्मानी और उसके भाई अमानउल्ला के घरों से एनआईए की टीम को 64 जिंदा कारतूस बरामद हुए थे। जिसकी एफआईआर एनआईए के डीएसपी की शिकायत पर ओमती थाने में दर्ज कराई गई है। एफआईआर के मुताबिक कारतूसों को स्टोर रूम की अलमारी में छिपाया गया था। अलमारी की एक ही चाबी थी जिसे देने में उस्मानी लगातार आनाकानी करता रहा। सख्ती के बाद एनआईए की टीम ने अलमारी को खोला और उसमें से 32 एमएम के 59 कारतूस और 5.5 एमएम के 5 कारतूस बरामद किए थे।
दो पुराने आर्म्स लायसेंस भी मिले
एनआईए की टीम को एडवोकेट उस्मानी के घर से दो शस्त्र लायसेंस भी मिले। जो कि अहदुल्ला उस्मानी के बाप के नाम पर थे। एक शस्त्र लायसेंस 2016 और दूसरा 2018 तक वैध था। एनआईए दिल्ली के डीएसपी की शिकायत पर ओमती पुलिस ने अधिवक्ता अहदुल्ला उस्मानी और उसके भाई अमानउल्ला के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। इस मामले में सिविल लाइन थाने के जवानों, एनआईए के पीयूष चौधरी और प्रशांत सिंह को गवाह बनाया गया है। हालांकि आर्म्स एक्ट के तहत एफआईआर के बाद दोनों भाईयों को नोटिस देकर रिहा कर दिया गया।
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वारंट के बावजूद नहीं खोल रहे थे दरवाजे
कार्रवाई के दौरान एनआईए की टीम ने पहले ही अदालत से सर्च वारंट लिया था। जब मौके पर रेड मारी गई तो अधिवक्ता उस्मानी ने घर का दरवाजा खोलने से मना कर दिया था। दरवाजे की जाली से एनआईए ने सर्च वारंट भी दिखाया लेकिन इसके बावजूद दोनों भाई दरवाजा खोलने तैयार नहीं थे। हालांकि जब दरवाजा तोड़ने की तैयारी की जाने लगी तब दरवाजा खोल दिया गया था।
वाट्सएप ग्रुप के सदस्यों पर है निगाह
इधर आपत्तिजनक फिसबिल्लाह नाम के वाट्सएप ग्रुप पर एजेंसियां नजर रखे हुए हैं। पुलिस इस ग्रुप के सदस्यों पर नजर रख रही है। वहीं एनआईए द्वारा गिरफ्तार किए गए सैयद मामूर अली, मोहम्मद आदिल खान और मोहम्मद शाहिद से जुड़े लोगों पर भी निगाह रखी जा रही है।