सिंगरौली के खनहना वन चौकी में फायरिंग, कोई गिरफ्तारी नहीं; असली आरोपियों को छोड़ किसी को बलि का बकरा बनाने की तैयारी तो नहीं ?

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The Sootr CG
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सिंगरौली के खनहना वन चौकी में फायरिंग, कोई गिरफ्तारी नहीं; असली आरोपियों को छोड़ किसी को बलि का बकरा बनाने की तैयारी तो नहीं ?

BHOPAL. सिंगरौली के खनहना वन चौकी में हुई फायरिंग के मामले में पुलिस ने अब तक कोई गिरफ्तारी नहीं की है। बीती 20 जुलाई की अल सुबह सिंगरौली से बीजेपी विधायक रामलल्लू वैश्य के आदतन अपराधी बेटे और कई अन्य ने खनहना वन चौकी में अंधाधुंध फायरिंग के साथ वनकर्मियों के साथ मारपीट की थी। वन चौकी पर मौजूद तमाम सबूतों और पीड़ित वनकर्मियों की फरियाद को नजरअंदाज करके आरोपियों के खिलाफ फायर आर्म्स एक्ट का केस भी दर्ज नहीं किया गया। इससे साफ पता चल रहा है कि पुलिस को सत्ता के रसूख का खौफ है।



क्या कहते हैं पुलिस के जिम्मेदार अधिकारी



सिंगरौली पुलिस के जिम्मेदार अधिकारियों का कहना है कि जांच चल रही है। आरोपी भी कई हैं। फायरिंग किसने की, हथियार कहां से आए, इसकी भी जांच की जा रही है। जांच पूरी होते ही आरोपियों के खिलाफ धाराएं बढ़ा दी जाएंगी। सिंगरौली विधायक के बेटे विवेक वैश्य और धीरेंद्र सिंह सहित अन्य अज्ञात आरोपियों के खिलाफ भी अपराध दर्ज होने के बाद भी पुलिस खामोश क्यों है। अब तक आरोपियों की गिरफ्तारी क्यों नहीं की जा सकी है। ऐसी आशंका है कि कहीं मामले की पृष्ठभूमि तैयार होते ही असली आरोपियों के बदले किसी दूसरे को बलि का बकरा बनाकर हलाल न कर दिया जाए।



आचार संहिता के दौरान कहां से आया असलहा



चुनाव के चलते जिले में आचार संहिता लागू है। तमाम वैध असलहा थानों में जमा है। ऐसे में आरोपी के घातक असलहा से फायरिंग करने पर एक बड़ा सवाल उठ रहा है। असलहा वैध था या अवैध ये भी सवालों के दायरे में है। लेकिन इसका जवाब भी सिंगरौली पुलिस क्यों देगी। उस स्थिति में तो कतई नहीं जब उसने अभी तक घटनास्थल पर फायरिंग का मामला ही दर्ज नहीं किया है। जबकि एसडीओ फॉरेस्ट गोर्वी रेंज ने भी आरोपियों द्वारा अवैध कोयला लदी गाड़ियों को पार कराने के लिए चौकी में फायरिंग के साथ वनकर्मी संजीव शुक्ला और सुरेश मिश्रा के साथ मारपीट होना बताया है।


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