Bhopal. मध्यप्रदेश में बिजली संकट के बीच राज्य सरकार ने बड़ा दावा किया है। सरकार का कहना है कि मध्य प्रदेश में बिजली की कोई समस्या नहीं है। कोयले की आपूर्ति में लगातार सुधार हो रहा है। प्रदेश के चारों ताप विद्युत केंद्रों में तीन लाख टन कोयले का भंडार है। जबकि प्रतिदिन कोयले की खपत 60 टन है। यह जानकारी ऊर्जा विभाग के अधिकारियों ने विभाग की समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को दी।
अधिकारी ने दी जरूरी जानकारी
बैठक में बताया गया कि रेलवे और आरसीआर के माध्यम से मई के दूसरे हफ्ते में कोयले की 109 रैक उपलब्ध हुए हैं। 22 अप्रैल 2022 को बिजली की अधिकतम मांग 12 हजार 680 मेगावाट रही है, जो अप्रैल 2021 की तुलना में 14.7 प्रतिशत ज्यादा है। ऐसे ही एक मई 2022 को 12 हजार 531 मेगावाट रही, जो मई 2021 की तुलना में 25.3 प्रतिशत ज्यादा थी। बिजली की औसत मांग भी मई 2021 की तुलना में मई 2022 में 24 प्रतिशत ज्यादा रही है।
अधिकारियों ने बताया कि बिजली की मांग की आपूर्ति के लिए ग्रिड से ओवरड्राल किया। सोलर की उपलब्धता के अनुसार मांग को शिफ्ट किया गया। सौर ऊर्जा की विभिन्न् इकाइयों और एनटीपीसी सिपेट से एक से 13 मई तक 1057 मेगावाट अतिरिक्त विद्युत उपलब्धता सुनिश्चित हुई है।
बैठक में बताया कि एक से 13 मई 2022 को दैनिक मांग 34 हजार 199 मेगावाट रही है। इस अवधि में पिछले साल 27 हजार 561 मेगावाट मांग थी। यानी 24 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है। ऐसे ही अप्रैल 21 में 68 हजार पांच मेगावाट की तुलना में अप्रैल 22 में 16 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 78 हजार 581 मेगावाट दैनिक मांग रही है।