संजय गुप्ता, INDORE. बीएम फार्मेसी कॉलेज की महिला प्रिंसीपल विमुक्ता शर्मा की मौत का जिम्मेदार तो आरोपी छात्र आशुतोष श्रीवास्तव है, लेकिन इस हादसे का जिम्मेदार किसे माना जाए? पुलिस जिन्होंन आवेदन पर विचार नहीं किया और ठंड़े बस्ते में डाल दिया, इस पर विभाग ने दो थाना प्रभारियों को लाइन अटैच और एक एएसआई को निलंबित तक अपने काम की इतिश्री कर ली है, वहीं बात अब कॉलेज प्रबंधन की भी उठ रही है। पुलिस की जांच में आया है कि वहां कॉलेज में ना प्रॉपर बाउंड्रीवाल है, ना सुरक्षा गार्ड है और ना ही चलते हुए कैमरे। वहीं पूरे मामले में परिजन का गुस्सा अब विमुक्ता शर्मा की मौत के बाद बाहर आने लगा है। वह पूरी घटना में जिम्मेदारों के रवैए से खासे नाराज है।
सिर्फ एक कैमरा वह भी बंद मिला
ग्रामीण एसपी भगवतसिंह बिरदे ने द सूत्र को बताया कि कॉलेज की सुरक्षा का मुद्दा हमारी जांच में नहीं है और ना ही यह हमारे दायरे में आता है। हमने घटना की जानकारी के लिए जो सीसीटीवी फुटेज आदि को लेकर जांच की, इसमें पता चला है कि वहां मात्र एक कैमरा है वह भी बंद मिला, सुरक्षा गार्ड 20 से ज्यादा होना चाहिए लेकिन एक भी नहीं मिला, सुरक्षा जैसी कोई बात कॉलेज परिसर में नहीं मिली है।
कॉलेज प्रंबधन ने सुरक्षा पर साधी चुप्पी
इस मामले में प्रबंधन के राकेश पटेल ने द सूत्र से ज्यादा बात करने से मना कर दिया, वह यही बोले कि सीसीटीवी पुलिस ने जब्त कर लिए हैं और मामला पुलिस जांच में हैं तो मैं इससे ज्यादा इसमें कुछ नहीं कहूंगा।
फास्ट ट्रैक कोर्ट में केस चलाने का करेंगे आवेदन
ग्रामीण एसपी विरदे ने कहा कि आरोपी छात्र को फांसी मिले, इसके लिए पुलिस चालान को तैयार कर रही है औऱ् साथ ही यह प्रक्रिया तेजी से हो, इसके लिए जब चालान पेश करेंगे तो कोर्ट से इसे फास्ट ट्रेक पर चलाने का भी आवेदन करेंगे, जिससे जल्द से जल्द इस मामले में सुनवाई कराकर सजा दिलाना सुनिश्चित किया जा सके।
इधर बार काउंसिल सदस्य का पत्र कोई पैरवी नहीं करें
उधर स्टेट बार काउंसिल के सदस्य जय हार्डिया ने जिला अभिभाषक संघ को पत्र लिखा है कि- जघन्य हत्याकांड करने वाले आरोपी छात्र आशुतोष श्रीवास्तव का केस लड़ने के लिए कोई भी वकील पैरवी नहीं करें। खासकर महू कोर्ट के सदस्य वकील को इसके लिए पत्र लिखकर कहा जाए कि कोई भी यह केस नहीं लेगा, तभी आरोपी छात्र को सख्त से सख्त सजा दिला पाएंगे।