Jabalpur. प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में मरीजों को अमानक आईवी फ्लुड चढ़ाए जा रहे थे। दरअसल संचालनालय ने जिस कंपनी से इनकी खरीदी की थी, उसके सैंपल कई जिलों में फेल हुए। हालात यह थे कि जैसे ही मरीजों को सलाइन चढ़ाई जाती वे कांप उठते थे। विभिन्न प्रयोगशालाओं में आईवी फ्लुड का परीक्षण कराने पर उसमें फंगस पाया गया है। विशेषज्ञों की मानें तो ऐसे अमानक आईवी फ्लुड चढ़ाने से मरीजों की मौत भी हो सकती है।
जबलपुर के अलावा मालवा के जिलों में भी हुआ खिलवाड़
धार की दवा निर्माता कंपनी ने ना सिर्फ जबलपुर, बल्कि उज्जैन, देवास, इंदौर और मुरैना में भी अमानक आईवी फ्लुड की सप्लाई की। कंपनी के कई सैंपल फेल हो चुके हैं। जिसके बाद खाद्य और औषधि विभाग इस कंपनी के आईवी फ्लुड पर पूरी तरह रोक लगाने की तैयारी में है। संचालनालय द्वारा कंपनी से खरीदी कर प्रदेश भर के सरकारी अस्पतालों में भेजा जाता है। जबलपुर जिला अस्पताल से जब्त नमूनों को विभाग ने जांच के लिए केंद्रीय औषधि प्रयोगशाला कोलकाता भेजा था। जिसकी रिपोर्ट में फंगस की पुष्टि हुई है।
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प्रदेशभर में रोक लगाने की तैयारी
अमानक आईवी फ्लुड बेचकर मरीजों की जान से खिलवाड़ के मामले में कड़ी कार्रवाई हो सकती है। जिन शहरों में कंपनी के सैंपल फेल हुए वहां से कार्यालय आयुक्त खाद्य सुरक्षा एवं नियंत्रक ने रिपोर्ट तलब की है। अधिकारियों का कहना है कि एक कंपनी के सैंपल बार-बार फेल होना मरीजों की सेहत के लिए बड़ा खतरा है। इस परिस्थिति में उक्त कंपनी से खरीदी पर रोक लगाई जानी चाहिए।
सैन्य अस्पताल में पहले ही लग चुकी रोक
खाद्य सुरक्षा विभाग जबलपुर के सैन्य अस्पतालों में उक्त कंपनी के आईवी फ्लुड पर रोक लगा चुका है। जिसके उपयोग से मरीजों को तरह-तरह की समस्याएं होने लगी थीं। राज्य औषधि प्रयोगशाला में आईवी फ्लुड के सैंपल की जांच कराई गई। रिपोर्ट में सैंपल को अमानक बताया गया। हालांकि ये आईवी फ्लुड किसी दूसरी दवा कंपनी से खरीदे गए थे।