BHOPAL/ KHANDWA. मध्यप्रदेश के खंडवा जिला अस्पताल में गर्भवती आदिवासी महिला को भर्ती नहीं करने के मामले में कलेक्टर को नोटिस दिया गया है। राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग ने खंडवा कलेक्टर अनूप कुमार सिंह को नोटिस जारी किया है और 7 दिन के अंदर जवाब मांगा है। जिला अस्पताल में रातभर गर्भवती आदिवासी महिला को बाहर बैठाए रखा था। अस्पताल में भर्ती नहीं करने पर परिसर में ही आदिवासी महिला ने बच्चे को जन्म दिया था।
आयोग ने नोटिस में नियम का भी हवाला दिया
राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग ने लिखा है कि मीडिया रिपोर्ट्स को संज्ञान में लेकर नोटिस जारी किया है। जिसमें भारत के संविधान के अनुच्छेद 338क के तहत जांच करने का निर्णय लिया है। आयोग ने कलेक्टर से 7 दिनों में जवाब मांगा है। नोटिस का जवाब ना देने पर अनुच्छेद में प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करने का भी हवाला दिया है।
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सीएमएचओ ने कहा- जांच करेंगे, पूरा स्टाफ लापरवाह नहीं
इस पूरे मामले में खंडवा के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. शरद हरणे ने जांच की बात कही थी। उन्होंने कहा है कि इस तरह का मामला सामने आया है, जिसमें हम जांच करेंगे। पूरा स्टाफ लापरवाह नहीं हो सकता, लेकिन अगर लापरवाही सामने आती है तो कार्रवाई करेंगे। हालांकि, अब इसी लापरवाही के चलते राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग ने खंडवा कलेक्टर अनूप कुमार सिंह को नोटिस जारी कर 7 दिन अंदर जवाब मांगा है।
क्या है मामला
दरअसल, 23 मई को खंडवा जिला अस्पताल में डोंगरी गांव से प्रसूता छाया को रात में भर्ती के लिए लाया गया। जहां परिजन ने पर्ची कटवाई। लेकिन फिर भी प्रसूता को भर्ती नहीं किया गया। परिजन ने कहा कि हम दो से तीन बार गए, लेकिन हमें कहा कि अभी बाहर ही घूमो, बाद में भर्ती करेंगे। पूरी रात प्रसूता ने परिजन के साथ अस्पताल कैंपस में ही गुजारी। इस दौरान प्रसूता समेत उसका पति रितेश और अन्य परिजन परेशान होते रहे। परिजनों ने बताया कि रात 10 से 11 बजे अस्पताल में आने के बावजूद सुबह 5 बजे तक डिलीवरी होने तक कोई सुध नहीं ली गई। छाया ने बेटे को जन्म दिया है। जिसे डॉक्टर्स की निगरानी में एसएनसीयू में रखा गया है।