कमलेश सारडा, NEEMUCH. पुलिस पर फायरिंग के बाद जिला प्रशासन शुक्रवार को गांव हाथीपुरा में फरार तस्कर पप्पू धाकड़ के यहां अतिक्रमण ध्वस्त कर दिया। मौके पर करीब 15 हेक्टेयर शासकीय जमीन पर अतिक्रमण मिला। एक किमी एरिया में आगे व 800 मीटर पीछे डेढ़ से दो बीघा जमीन पर दो बंगले बने थे। इनमें अलमारी के पीछे खुफिया कमरे भी मिले। शाम को हाथीपुरा के पीछे जंगल में भी करीब 53 हेक्टेयर में कब्जा मिला।
बड़े-बड़े खदाननुमा गड्ढे में छुपाता था डोडा चूरा
जहां बड़े-बड़े खदाननुमा गड्ढे बनाकर तस्कर डोडाचूरा छिपाता था। हैरानी की बात तो यह है कि पप्पू धाकड़ एनडीपीएस के मामले में राजस्थान में दो साल से फरार चल रहा है। इस दौरान उसने सरपंच का चुनाव भी लड़ा व जीत भी गया लेकिन प्रशासन ने धाकड़ की जांच करना उचित नहीं समझा। अब अतिक्रमण के मामले में पटवारी को नोटिस जारी कर तीन दिन में जवाब मांगा है।
कोटा एनसीबी ने 27 व 28 नवंबर की मध्य रात सिंगोली व रतनगढ़ पुलिस के साथ ग्राम हाथीपुरा में दबिश दी। जहां से अफीम, डोडाचूरा व हथियार मिले। आरोपी पुलिस पर फायरिंग कर फरार हो गए। घटना के बाद स्थानीय सरपंच व फरार तस्कर पप्पू धाकड़ का नाम सामने आया व पुलिस ने उसे आरोपी बनाया। शुक्रवार को एसडीएम जावद, सिंगोली व रतनगढ़ पुलिस मौके पर अतिक्रमण हटाने पहुंची। अतिक्रमण को देख अधिकारियों के होश उड़ गए। धाकड़ ने 15 हेक्टेयर शासकीय जमीन पर कब्जा कर तस्करी के अड्डे बना रखे थे। प्रारंभ में दो बीघा जमीन पर बंगला मिला जिसमें सभी सुविधाएं उपलब्ध थीं।
अलमारियों के पीछे खुफिया कमरा
बंगले में अलमारियों के पीछे खुफिया कमरा भी मिला। यही नहीं करीब 12 हेक्टेयर जमीन पर खेती व 800 मीटर अंदर एक और बंगला मिला। यह भी करीब दो से ढाई बीघा पर बना था। जिला प्रशासन ने सुबह 11.33 ने से शाम 6 बजे तक अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की। इस दौरान सिंगोली व रतनगढ़ थाने के 60 से अधिक पुलिस जवान, चौकीदार व कोटवार मौजूद थे। तीन जेसीबी की मदद से देर शाम तक अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई जारी रही। करीब 15 हेक्टेयर जमीन पर अतिक्रमण की कीमत 6 से 7 करोड़ आंकी जा रही है।
फरार फिर भी सरपंच पद का चुनाव लड़ लिया, जीत भी गया लेकिन पुलिस की नजर में फरार
पप्पू धाकड़ के खिलाफ नीमच जिले के थाना सिंगोली में 2017 में एनडीपीएस का प्रकरण दर्ज हुआ। 2019 में पुलिस ने उसे गिरफ्तार भी किया लेकिन बाद में जमानत पर बाहर आ गया। 2020 में राजस्थान के भीलवाड़ा जिले के गांव कोटड़ी में एनडीपीएस का मामला दर्ज हुआ, जिसमें करीब दो-ढाई साल से फरार है। इस दौरान धाकड़ ने गांव हाथीपुरा से सरपंच का
नामांकन भी दाखिल किया व चुनाव जीत भी गया। एडीएम नेहा मीना के अनुसार यदि कोई उम्मीदवार अपना नामांकन जमा करने के लिए किसी को अधिकृत करता है तो एक अधिकृत प्रारूप पर उम्मीदवार की सहमति लगती है। इसमें उसके हस्ताक्षर रहते हैं कि मैं इसे अधिकृत करता हूं। नामांकन के साथ एक शपथ पत्र जमा होता है, उसके लिए उम्मीदवार को नोटरी वाले के सामने उपस्थित होकर हस्ताक्षर करना पड़ते हैं। पप्पू धाकड़ के मामले में पूरी प्रक्रिया हुई। नामांकन जमा कराने वाले ने पप्पू धाकड़ से सहमति पत्र पर साइन कराए। नोटरी भी कराई लेकिन फरार तस्कर को पकड़ने के लिए पुलिस ने इस पक्ष की अब तक जांच करना उचित नहीं समझा। ऐसे में कहीं ना कहीं पप्पू धाकड़ को संरक्षण प्राप्त होने से इंकार नहीं किया जा सकता।
पप्पू की और सम्पत्तियों की जांच करेंगे
गांव हाथीपुरा में अतिक्रमण मिला है। इसमें आगे व पीछे दो से ढाई बीघा पर दो बंगले बने हैं। बंगले में अलमारी के पीछे खुफिया गोदाम पाए गए। जहां वह मादक पदार्थ रखता था । शासकीय जमीन पर करीब 9 बोरवेल मिले। शाम को सूचना मिली कि जंगल में भी अतिक्रमण है। कच्चे रास्तों से अंदर गए तो यहां करीब 212 बीघा जमीन पर अतिक्रमण मिला। यहां भी जंगल के मध्य बड़ा गोदाम व बड़े-बड़े गड्ढे मिले जहां वह मादक पदार्थ छिपाता था। कल कार्रवाई का आकलन किया जाएगा। अभी पप्पू धाकड़ की और संपत्तियों की जांच की जाएगी। वहीं जावद एसडीएम शिवानी ने कहा कि जो दोषी है उनकी भी जांच की जाएगी। वहीं कलेक्टर मयंक अग्रवाल ने कहा कि अभी अतिक्रमण मिला है उसे ध्वस्त किया जा रहा है। इसके बाद कौन-कौन जिम्मेदार हैं, दोषी हैं, उनकी भी जांच की जाएगी। तस्कर दो साल से फरार है, इसकी जानकारी नहीं है। यदि ऐसा है तो इसकी भी जांच कराएंगे।