Ujjain में NSA Ajit Dova महाकाल की Bhasma Aarti में शामिल होंगे Madhya Pradesh News
होम / मध्‍यप्रदेश / उज्जैन में महाकाल की भस्म आरती में शामिल...

उज्जैन में महाकाल की भस्म आरती में शामिल होंगे NSA अजीत डोभाल, महाकाल लोक का भी भ्रमण करेंगे

Rahul Garhwal
01,अप्रैल 2023, (अपडेटेड 01,अप्रैल 2023 07:57 PM IST)

UJJAIN. देश के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल रविवार को उज्जैन में महाकाल की भस्म आरती में शामिल होंगे। इसके बाद वे महाकाल लोक का भ्रमण भी करेंगे। अजीत डोभाल को Z प्लस सुरक्षा मिली हुई है। उनके लिए उज्जैन पुलिस-प्रशासन ने खास इंतजाम किए हैं।

महाकाल लोक का भ्रमण करेंगे NSA डोभाल

12 ज्योतिर्लिंगों में से एक विश्व प्रसिद्ध महाकालेश्वर मंदिर में दुनियाभर से आम और खास वीआईपी श्रद्धालु भगवान महाकाल का आशीर्वाद लेने आते हैं। अजीत डोभाल भी सुबह महाकाल के दर्शन करेंगे और भस्म आरती में शामिल होंगे। उज्जैन के भव्य महाकाल लोक का भ्रमण करने के बाद अजीत डोभाल वापस लौटेंगे।

सर्किट हाउस में कड़ा पहरा


पुलिस ने NSA अजीत डोभाल के रूट पर शनिवार को कारकेट रिहर्सल की। सर्किट हाउस में कड़ा पहरा लगा हुआ है। सुरक्षा को देखते हुए मीडिया को भी उनके कवरेज से दूर रखा गया है।

महाकाल लोक की खासियत

महाकाल मंदिर देश के प्राचीन मंदिरों में से एक है जिसके परिसर को आधुनिक रूप दिया गया है। महाकाल लोक में धरती पर देवलोक जैसी अनुभूति होती है। महाकाल लोक की भव्यता भक्तों को आकर्षित करती है।

26 फीट का नंदी द्वार आकर्षण का केंद्र

महाकाल लोक में नंदी द्वार आकर्षण का केंद्र है। जो 26 फीट का है। शिवमय संकुल भी खास है। महाकाल संकुल को शिवमय सजाया गया है। इसमें कमल कुंड, सप्त ऋषि, मंडल, शिव स्तंभ, मुक्ताकाश रंगमंच भी बनाया गया है। रुद्र सागर के तट का कायाकल्प किया गया है। संहारक महादेव की प्रतिमा लगाई गई है। त्रिवेणी संग्रहालय का एकीकरण किया गया है। महाकाल लोक में संपूर्ण शिव विवाह को दर्शाती 111 फीट लंबी म्यूरल पेंटिग लगाई गई है।

ये खबर भी पढ़िए..

भोपाल में पीएम नरेंद्र मोदी बोले- कांग्रेस के मित्र कहेंगे आज तो अप्रैल फूल है, मोदी तो अप्रैल फूल करेगा; लेकिन वंदे भारत चल गई

शिव पुराण की कथाएं दर्शाती प्रतिमाएं

महाकाल लोक में शिव पुराण की कथाओं को दर्शाती हुई प्रतिमाओं को स्थापित किया गया है। त्रिपुरारी महाकाल संकुल में भव्य मूर्ति बनाई गई है। इसमें ब्रह्मदेव रथ के सारथी हैं। कैलाश पर्वत और साधना में लीन रावण को दर्शाया गया है। शिवभक्त रावण ने कठोर साधना करके महादेव को प्रसन्न किया था। नृत्य करते हुए गजानन की प्रतिमा भी है। मौन साधना में लीन सप्तऋषि की प्रतिमाएं भी स्थापित की गई हैं।

द-सूत्र न्यूज़ के व्हाट्सप्प ग्रुप से जुड़ें
द-सूत्र ऐप डाउनलोड करें :
Like & Follow Our Social Media