देव श्रीमाली,GWALIOR. विधानसभा चुनावों में ट्रांसजेंडर्स के वोट पक्के करने के लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह द्वारा की गई घोषणा और सरकार के निर्णय चुनावों में उनकी पार्टी बीजेपी के लिए बड़ी मुसीबत पैदा कर सकता है। सरकार ने ट्रांसजेंडर को आरक्षण देने का निर्णय लिया है और यह आरक्षण उन्हें ओबीसी कोटे से देने का प्रावधान किया है। इस घोषणा के खिलाफ ओबीसी समाज मे अभी से विरोध के स्वर उठने लगे हैं। सोशल मीडिया पर इसे ओबीसी समाज के अपमान की संज्ञा दी जा रही है। ओबीसी महासभा के एक नेता का वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें चेतावनी दी जा रही है कि किन्नरों के साथ शामिल करने का शिवराज ने वापस नही लिया तो ओबीसी अपने मान सम्मान की रक्षा के लिए राष्ट्रव्यापी आंदोलन शुरू करेगी।
शिवराज सरकार ने ये लिया है फैसला
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने फैसला लिया है कि प्रदेश के सभी ट्रांसजेंडर्स को सरकारी नौकरियों में आरक्षण का लाभ दिया जाएगा और उन्हें यह लाभ ओबीसी वर्ग को मिलने वाले आरक्षण में से दिया जाएगा।
ओबीसी महासभा ने इसे वर्ग के सम्मान के खिलाफ बताया
इस घोषणा के बाद से ही ओबीसी वर्ग में इसके खिलाफ लामबंदी शुरू हो गई थी लेकिन आज सोशल मीडिया पर इस निर्णय के खिलाफ ओबीसी महासभा खुलकर सामने आ गई। ओबीसी महासभा की राष्ट्रीय कोर कमेटी के सचिव धर्मेंद्र कुशवाह ने एक वीडियो जारी करके सरकात को ही चुनौती दे दी है। उन्होंने इसे ओबीसी वर्ग को अपमानित करने वाला निर्णय बताया ।
वीडियो में बोले, यह बीजेपी सरकार ओबीसी की हक खाने का एक और प्रयास
कुशवाह ने अपने वीडियो में कहाकि एक बार फिर बीजेपी का पिछड़ा वर्ग विरोधी चेहरा सामने आ गया है। प्रदेश में सबसे अधिक 52 फीसदी ओबीसी है जबकि देश मे सबसे कम 14 फीसदी आरक्षण एमपी में ही मिल रहा है अब 30 हजार ट्रांसजेंडर्स को भी इसी में से आरक्षण देकर हमारा ही हक मारने का कुत्सित प्रयास है।
किन्नरों से जोड़ना ओबीसी का अपमान है
कुशवाह ने कहा कि हालांकि हम ट्रांसजेंडर के खिलाफ नही है क्योंकि वे भी समाज का हिस्सा है लेकिन इस निर्णय के जरिये शिवराज सरकार ने ओबीसी को किन्नरों से जोड़कर ओबीसी वर्ग का अपमान किया है और अगर सरकार अपना आदेश तत्काल वापिस नही लेती तो हम सड़क से लेकर संसद तक अपने सम्मान की लड़ाई लड़ेंगे। यह शिवराज सरकार की विदाई तक लड़ेंगे।