BHOPAL. मध्यप्रदेश में शिवराज कैबिनेट ने मंगलवार,11 अप्रैल को ट्रांसजेंडर को ओबीसी में सूची में शामिल करने का फैसला लिया है। इन्हें पिछड़ वर्ग सूची में 94 नंबर पर शामिल किया जाएगा। इससे अब ट्रांसजेंडर भी ओबीसी आरक्षण के हकदार होंगे। कैबिनेट में यह भी निर्णय लिया गया कि भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (बीपीसीएल) अपना एक प्लांट बीना रिफाइनरी कैम्पस में स्थापित करेगा। इस प्रोजेक्ट में कंपनी 45 से 50 हजार करोड़ रुपए का इन्वेस्टमेंट करेगी। सरकार कंपनी को स्टेट गुड्स् एंड सर्विस टैक्स (एसजीएसटी) में 15 हजार करोड़ की छूट 15 साल तक के लिए देगी। इससे प्रदेश के करीब दो लाख लोगों को रोजगार मिलेंगे। कैबिनेट में किसानों से जुड़ा फैसला भी लिया गया। जिसके तहत यदि किसान गेहूं एक्सपोर्ट करने के लिए मंडी शुल्क देते हैं तो इसकी भरपाई सरकार करेगी।
दो लाख लोगों को रोजगार मिलने की संभावना
कैबिनेट के फैसले की जानकारी देते हुए चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने बताया कि बीपीसीएल को मध्यप्रदेश में अभी तक के सबसे बड़े इन्वेस्टमेंट के लिए बड़ी रियायत देने का निर्णय लिया है। बीना रिफाइनरी के कैंपस में लगने वाले प्लांट में गैसोलीन, डीजल, एलएलडीपी और पॉलीप्रोपलीन का प्रोडक्शन होगा। इस प्लांट में प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से दो लाख लोगों को रोजगार मिलने की संभावना है। बीपीसीएल ने मप्र सरकार से कुछ रियायतें मांगी थीं। सरकार, बीपीसीएल को 500 करोड़ रुपए का इंटरेस्ट फ्री लोन उपलब्ध कराएगी। बीपीसीएल ने बिजली में 1 रु. प्रति यूनिट की रियायत मांगी है। इसे भी निवेश संवर्धन समिति ने मंजूरी दे दी है।
एमपी मिलेट्स मिशन को मंजूरी
मंत्री सारंग ने बताया कि आज कैबिनेट में मध्यप्रदेश राज्य मिलेट्स (मोटा अनाज) मिशन की घोषणा की गई। हम मोटे अनाज के प्रचार-प्रसार, इसके उत्पादन और इसके उपयोग, इन तीनों आयामों पर काम करेंगे। इस मिशन की अवधि 2025 तक 2 साल के लिए रहेगी। किसानों को सहकारी संस्थान मोटे अनाज के बीज 80 फीसदी सब्सिडी पर उपलब्ध कराएंगे। कार्यशाला और प्रशिक्षण के कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। मोटे अनाज के वैल्यू एडिशन के लिए सरकार अलग से जन जागरण अभियान चलाएगी और यह सुनिश्चित करेगी कि जो किसान मोटे अनाज का उत्पादन करते हैं, उन्हें बड़े स्तर पर उसका आर्थिक लाभ मिल सके।
सरकारी आयोजनों में बनेगी मिलेट्स की डिश
सरकारी कार्यक्रमों में खाने में कम से कम एक डिश मिलेट्स से बनी हुई होगी। हफ्ते में एक दिन मिड-डे मील में बच्चों को भी भोजन में मोटे अनाज का व्यंजन दिया जाएगा। हॉस्टल में भी हफ्ते में एक दिन मोटे अनाज से बने व्यंजन बनाने के निर्देश सीएम ने दिए हैं। मध्यप्रदेश में मोटे अनाज को लेकर जागरूकता के लिए अगले 2 साल में बड़े स्तर पर काम करेंगे। इस मिशन के लिए अलग से लगभग 2325 लाख रुपए के बजट का प्रावधान रखा गया है।
गेहूं एक्सपोर्ट करने वाले किसानों को राहत
गेहूं अधिसूचित कृषि उपज में आती है। कैबिनेट ने यह निर्णय किया है कि गेहूं एक्सपोर्ट करने के लिए यदि किसान मंडी शुल्क देते हैं, तो उसकी भरपाई सरकार करेगी।
मूंग में आर्थिक नुकसान पर सरकार मार्कफेड को देगी मदद
देश में ग्रीष्मकालीन मूंग का 40 फीसदी उत्पादन मध्यप्रदेश में होता है। बीते साल मध्यप्रदेश में ग्रीष्मकालीन मूंग का रिकॉर्ड उत्पादन हुआ था। इसका उपार्जन मार्कफेड द्वारा किया गया था, लेकिन मार्कफेड से सिर्फ 25 फीसदी मूंग केंद्र सरकार द्वारा ली गई थी। बाकी प्रति 75 फीसदी मूंग का विक्रय मार्कफेड द्वारा किया गया था, जिससे किसानों के हित में लाभ मिल सके और उचित दाम मिल सके। सरकार ने यह निश्चित किया था कि मूंग को लेकर मार्कफेड को जो आर्थिक हानि हुई है, उसकी भरपाई सरकार द्वारा की जाएगी।
सिंचाई के दो बड़े प्रोजेक्ट का मंजूरी
कैबिनेट ने सिंचाई की 2 बड़ी परियोजनाओं की स्वीकृति दी। उज्जैन जिले के महिदपुर विकासखंड के ग्राम डूंगरिया के समीप छपरा नदी पर बांध बनाया जाएगा। इसमें 104 करोड़ रुपए की लागत से बांध निर्माण होगा। इसके साथ ही टिटौली डिस्ट्रीब्यूटर परियोजना के पुनरीक्षित प्रशासकीय स्वीकृति भी आज की बैठक में दी गई।