संजय गुप्ता, INDORE. आईडीए यानी इंदौर विकास प्राधिकरण में एक करोड़ से ज्यादा का कॉटेज घोटाला सामने आया है। प्राधिकरण की जांच में सामने आया है कि प्रिंटर के कार्टेज की सप्लाई का टेंडर लेने वाले कंपनी मास्टरमाइंड इंटरप्राइजे के साथ कर्मचारी सुंदर कुमार ने मिलकर इस घोटाले को अंजाम दिया है। कंपनी को एचपी का कार्टेज सप्लाई करने का ठेका मिला हुआ था। कांट्रेक्टर ने प्राधिकरण के कर्मचारी सुंदर, जो स्टेशनरी का प्रभारी भी था उसके साथ मिलकर खेल किया है। बॉक्स ओरिजिनल होता था जिस पर कार्टेज कीमत 25000 लिखी होते थी, लेकिन उसके अंदर लोकल माल जो 12 हजार का कार्टेज होता था, वह भरकर सप्लाई किया जाता था। साल भर में करीब एक करोड़ की कार्टेज आईडीए को लगती है।
इस तरह खुली पोल
प्राधिकरण में हर रोज करीब एक हजार कागज प्रिंट निकाले जाते हैं। जब अलग-अलग सेक्शन से यह शिकायत आम हो गई है कि प्रिंट काफी खराब आ रहे हैं, तब कार्टेज के खराब होने की बात सामने आई। इसके बाद इसकी जांच का जिम्मा सौंपा तो जांच में खुलासा हुआ कि इसकी क्वालिटी ठीक नहीं है और कार्टेज लोकल स्तर का है। पूछताछ और जांच में सामने आया की बॉक्स सही आता था लेकिन इसमें लोकल माल रख दिया जाता था। इसके लिए प्राधिकरण के ही कर्मचारी सुंदर कुमार और कॉन्ट्रैक्टर ने मिली भगत कर रखी थी, जब घोटाले का हिसाब लगाया गया करीब एक करोड़ से ज्यादा का हो गया। प्राधिकरण के चेयरमैन जयपाल सिंह चावड़ा ने कहा पूरी रिपोर्ट आने के बाद इस मामले में आपराधिक धोखाधड़ी का केस भी दर्ज कराया जाएगा। जांच रिपोर्ट आने के बाद और गंभीर कार्रवाई करेंगे और जो भी जिम्मेदार होगा, उन्हें सेवा से हटाया जाएगा।
अभी और जांच जारी
सीईओ रामप्रकाश अहिरवार ने कहा कि जांच अभी जारी है। प्रारंभिक रूप से बात सामने आई है कि कर्मचारी की मिलीभगत से हुआ है इसलिए आगे व्यवस्था की जाएगी घोटाले ना हो पाए। जिस कर्मचारी सुंदर कुमार को इस मामले में आरोपी पाया गया है, सामने आया कि स्टोर प्रभारी होने कारण बॉक्स खोलकर माल को चेक करने की जिम्मेदारी उसी की थी इसलिए कांट्रेक्टर ने उसके साथ मिलीभगत की बॉक्स कंपनी का ही होता था। कीमत भी ऊपर 25 हजार लिखी होती थी, लेकिन उसमें आधी से भी कम कीमत का लोकल कार्टेज होता था और सुंदर उसे मंजूर करके आगे बढ़ा देता था।
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कलेक्ट्रेट में बाबू भी कर चुका है घोटाला
सरकारी विभागों में बाबू द्वारा किए जाने वाले घोटाले का यह 1 महीने के अंदर दूसरा बड़ा मामला है। हाल ही में कलेक्ट्रेट में लेखा बाबू मिलाप चौहान का 5.67 करोड़ का घोटाला सामने आया है। इसमें चालान में हेरफेर करके यह राशि अपने खातों में और अपने परिचितों के खातों में शिफ्ट करवाई। इस मामले में उसे गिरफ्तार भी किया जा चुका है। उसके साथ ही बाबू रंजीत कीरोड़े और अमित निंबालकर पर भी केस दर्ज हुआ है। साथ सभी रिश्तेदारों पर भी केस हुआ है, जिन्होंने खातों में राशि ली थी।