इंदौर के भूमाफिया मद्दा का एक फीसदी कमीशन का खेल, धोखाधड़ी की कमाई से संस्था को बांटा, FIR पर पुलिस को धमकाया था नौकरी खा जाऊंगा

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BP Shrivastava
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इंदौर के भूमाफिया मद्दा का एक फीसदी कमीशन का खेल, धोखाधड़ी की कमाई से संस्था को बांटा, FIR पर पुलिस को धमकाया था नौकरी खा जाऊंगा

संजय गुप्ता, INDORE. भूमाफिया दीपक मद्दा द्वारा कल्पतरू गृह निर्माण सहकारी संस्था में की 4.89 करोड़ की ठगी में गजब का खेल किया है। संस्था ने जो जमीन बेची, उसकी राशि संस्था के इंदूर परस्पर सहकारी बैंक मनोरमा गंज के खाते में आया, लेकिन खाते में रुपए आते ही उसे दो दिन से लेकर 10 दिन के भीतर ही अपने दो निजी बैंक खातों में देना बैंक साउथ तुकोगंज और देना बैंक जेलरोड में शिफ्ट कर दिया गया। लेकिन यह राशि पूरी शिफ्ट नहीं हुई, मद्दा ने इस राशि का 99 फीसदी हिस्सा अपने खातों में शिफ्ट कराया तो वहीं एक फीसदी संस्था के पास ही छोड़ दिया। बतौर कमीशन के, जो संस्था के पदाधिकारियों के काम आए। मद्दा ने यह काम संस्था का अध्यक्ष पद छोड़ने के बाद किया।



देखिए इस तरह काटा गया एक फीसदी कमीशन




  • 23 नवंबर 2018 में भोले नाम के व्यक्ति से संस्था के खाते में 40 लाख रुपए गए, इसमें से 26 नवंबर को मद्दा के खाते में 39.60 लाख रुपए शिफ्ट हो गए, यानी एक फीसदी ( 40 हजार) काटकर। 


  • अभिषेक मेहता द्वारा 26 नवंबर 2018 को चेक से संस्था को 20 लाख रुपए दिए गए, 30 नवंबर को मद्दा के खाते में 19.80 लाख रुपए शिफ्ट हो गए। एक फीसदी कमीशन यानी 20 हजार रुपए काटकर।

  • साबिर खान द्वारा 29 मार्च 2019 को संस्था को 13 लाख रुपए जमा हुए, इसमें से मद्दा के खाते में आठ अप्रैल को 12.87 लाख रुपए मद्दा के खाते में गए। कमीशन एक फीसदी 13 हजार रुपए काटकर



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    मद्दा ने थाने में पुलिस वालों को ही धमकाया था



    सूत्रों के अनुसार मद्दा की गिरफ्तारी के समय क्राइम ब्रांच में उसने बचने की काफी कोशिश की। इस दौरान पहले तो कहा कि मुझे बेवजह परेशान किया जा रहा है। मैं जहर खा लूंगा। भोपाल के कुछ रसूखदारों का रौब दिखाया, लेकिन जब बात नहीं बनी तो कहा कि कोर्ट ने मेरी गिरफ्तारी पर रोक लगाई हुई, लेकिन मुझे परेशान किया जा रहा है। मैं तो कुछ दिन में बाहर आ जाऊंगा लेकिन तुम सभी की नौकरी खा जाऊंगा। 



    कॉलोनी डेवलपमेंट के नाम पर किया है करार



    सूत्रों के अनुसार मद्दा ने इस पूरे खेल में पहले से ही बचाव का रास्ता खोज रखा है, जानकारी के अनुसार मद्दा ने संस्था की जमीन को डेवलप करने के लिए करार किया हुआ है, वह सभी को यह कह रहा है कि यह राशि तो डेवलपमेंट की थी। 



    इन्होंने संस्था को राशि दी, वहां से मद्दा के खाते में गए 489, 27,472 रुपए




    • 1-संस्था का खाता इंदूर परस्पर सहकारी बैकं मनोरमा गंज में हैं, संस्था के खाते में 9 नवंबर 2018 में दिपक संधू से करीब 1.35 करोड़ रुपए राशि दीपक संधू से आई। इसमें से 20 नवंबर को ही दिलीप सिसोदिया यानी मद्दा के देना बैंक साउथ तुकोगंज के खाते में 1.13 करोड़ रुपए और 22 नंवबर को 24.75 लाख रुपए राशि उसके देना बैंक के जेलरोड शाखा में शिफ्ट हुए। 


  • 2-संस्थआ के खाते में 23 नवंबर 2018 को भोले पिता जुगल किशोर से 40 लाख रुपए जमा हुए, इसमें से 26 नवंबर को ही मद्दा के खाते में 39.60 लाख रुपए शिफ्ट हुए। 

  • 3-अभिषेक मेहता द्वारा 26 नवंबर 2018 को चेक से संस्था को 20 लाख रुपए दिए गए, 30 नवंबर को मद्दा के खाते में 19.80 लाख रुपए शिफ्ट हो गए।

  • 4-साबिर खान द्वारा 29 मार्च 2019 को संस्था को 13 लाख रुपए जमा हुए, इसमें से मद्दा के खाते में आठ अप्रैल को 12.87 लाख रुपए मद्दा के खाते में गए।

  • 5-आयशा खान द्वारा 14 मई 2019 को संस्था के खाते में पांच लाख जमा हुए, इसमें से मद्दा के खाते में 16 मई को 4.95 लाख चले गए।

  • 6-अतिशय बाकलीवाल द्वारा 30 लाख संस्था को 27 जून 2019 को डाले गए, इसमें से मद्दा के खाते में 29.70 लाख रुपए गए। इसी तरह उन्होंने संस्था के खाते में 19 जुलाई को संस्था के खाते में 15.50 लाख रुपए डाले, मद्दा को 

  • 7-इसी तरह मद्दा के खाते में सात और चार लाख, नौ लाख भी मद्दा के खाते में आए थे। 



  • जयहिंद गृह निर्माण संस्था के तो पूरे पैसे खा गया मद्दा



    जयहिंद गृह निर्माण संस्था द्वारा कल्पतरु संस्था के खाते में 2019 से 2020 के दौरान अलग-अलग समय पर कुल 1.76 करोड़ रुपए डाले गए। यह पूरी राशि संस्था के खाते में आने के कुछ दिनों बाद ही इसी अवधि में 1.32 करोड़ रुपए मद्दा के देना बैंक के जेलरोड खाते में और 44 लाख रुपए उसके साउथ तुकोगंज वाले खाते में शिफ्ट हो गए। 




    • 1-अनिता पति संजय डोवाल, शेखर पार्क सूरज कोठी नेहरू पार्क, ने 26 नवंबर 2020 में 0.093 हेक्टेयर जमीन खरीदी, सौदा 25 लाख रुपए में किया और भुगातन केवल 14 लाख रुपए का किया, बाद में नवंबर 2022 में 10 लाख रुपए का और भुगतान किया। बाजार मूल्य 37.44 लाख रुपए था।


  • 2-अभिजीत संजय माने निवासी वास्तु सिटी बिचौली मर्दाना ने दिसंबर 2020 में 0.810 हेक्टेयर मजीन केवल 1.50 करोड़ रुपए में खरीदी, जबकि बाजार मूल्य 2.38 करोड़ रुपए था, वहीं भुगतान 1.35 करोड़ रुपए का ही हुआ। जो संस्था के खाते में जमा हुए। वह भी अलग-अलग तारीखों को यानी जब पंजीयन हुआ तब पूरा भुगतान नहीं हुआ था। अभी भी 14 लाख का भुगतान बाकी है।


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