मध्यप्रदेश में 1 साल पुरानी कमेटी ही नई आबकारी नीति पर करेगी सिफारिश, पॉलिसी पर अब भी असमंजस

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Rahul Garhwal
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मध्यप्रदेश में 1 साल पुरानी कमेटी ही नई आबकारी नीति पर करेगी सिफारिश, पॉलिसी पर अब भी असमंजस

BHOPAL. मध्यप्रदेश सरकार ने आबकारी नीति पर सिफारिश देने के लिए 1 साल पुरानी कमेटी को ही जारी रखा है। पुरानी समिति ही नई आबकारी नीति पर सिफारिश के लिए बनी रहेगी। सीएम शिवराज ने उमा भारती को आश्वासन दिया था कि नई आबकारी नीति 31 दिसंबर को जारी कर देंगे, लेकिन डेढ़ महीने के बाद भी असमंजस बना हुआ है। 19 फरवरी को कैबिनेट बैठक होने वाली है लेकिन आबकारी नीति का कोई प्रस्ताव एजेंडे में नहीं है। पॉलिसी एक्स एजेंडे में आ सकती है। 1 अप्रैल से नई पॉलिसी के मुताबिक शराब दुकानों की नीलामी होनी है।





नई शराब नीति का प्रस्ताव तैयार





मध्यप्रदेश में पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती अपने शराबबंदी आंदोलन को लेकर सरकार पर दबाव बनाए हुए हैं। जानकारी के मुताबिक शिवराज सरकार, उमा के चलते बैकफुट पर दिख रही है। सरकार ने उमा को ध्यान में रखकर की नई शराब नीति का प्रस्ताव तैयार किया है।





उमा के विरोध और सुझावों के कारण अटकी शराब नीति





नई शराब नीति में अहाते बंद करने का फैसला लिया जा सकता है। अगर इन्हें चालू रखने का निर्णय होता भी है, तो शाम 5 बजे से रात 11 बजे तक ही खोलने की इजाजत दी जा सकती है। इसके साथ ही देशी शराब के दाम 1 से 2 रुपए तक बढ़ सकते हैं। शिवराज सरकार ने 23 जनवरी 2022 को प्रस्तावित नई शराब नीति जारी कर दी थी, इस बार उमा भारती के विरोध और कुछ सुझावों के कारण नई शराब नीति अटकी पड़ी है।





उमा भारती ने 12 फरवरी को किया था ट्वीट





उमा भारती ने 12 फरवरी को ट्वीट करते हुए लिखा था कि आपको याद होगा लगभग 2 साल पहले मैंने शिवराज जी की निजी जीवन की अच्छाइयों का वर्णन करते हुए एक लेख लिखा था। मैं आज भी उसपर कायम हूं। आश्चर्य यही है कि शिवराज जी अपनी निजी जीवन की अच्छाइयों को अपनी योजनाओं के द्वारा धरातल पर क्यों नहीं ला पा रहे हैं। शीघ्र ही घोषित होने वाली नई शराब नीति शिवराज जी की सबसे बड़ी परीक्षा है।





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नई शराब नीति आई तो 1443 दुकानों पर पड़ेगा असर





नई शराब नीति में अगर शराब दुकानें धार्मिक स्थलों और स्कूलों से 500 मीटर के दायरे से बाहर करने का फैसला होता है तो 40 प्रतिशत यानी 1443 दुकानों पर असर पड़ेगा, जबकि 250 मीटर के दायरे में 902 दुकानें आ रही हैं। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान इन प्रस्तावों पर फैसला लेंगे। मध्यप्रदेश में 3608 शराब दुकानें और 2611 अहाते हैं।





शराबबंदी को लेकर उमा का आंदोलन जारी





पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती पिछले कुछ महीनों से शराब नीति को लेकर सरकार को घेर रही हैं। हाल ही में उन्होंने भोपाल के अयोध्या नगर इलाके के एक मंदिर में 3 दिन तक डेरा डाल रखा था। वे मंदिर के सामने बनी शराब दुकान और प्रदेश की शराब नीति के विरोध में मंदिर में रहकर विरोध कर रही थीं। यहां से जाने से पहले उन्होंने राज्य सरकार को खुली धमकी भी दी थी। उन्होंने कहा था कि अगर प्रदेश की शराब नीति हमारे अनुरूप नहीं आई तो शराब दुकानों पर जो होगा, वो नजीर बनेगा। उमा ने यह भी कहा था कि वे नियम खिलाफ बनी शराब दुकानों में गायें बांधेंगी।



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