Jabalpur. खाली सीटों को भरने के चक्कर में नियमों में की गई शिथिलता वाले फैसले को वेटरनरी यूनिवर्सिटी ने आखिरकार वापस ले लिया है। दरअसल नानाजी देशमुख वेटरनरी यूनिवर्सिटी से संबद्ध सरकारी और निजी कॉलेजों में वेटरनरी डिप्लोमा की 5 सैकड़ा से ज्यादा सीटें खाली हैं। इन्हें भरने के लिए 28 मार्च से जबलपुर वेटरनरी कॉलेज में काउंसलिंग होने जा रही है। इस काउंसलिंग में केवल वे ही विद्यार्थी शामिल होंगे, जिन्होंने वेटरनरी डिप्लोमा का एंट्रेंस एग्जाम दिया था। दरअसल विवि प्रशासन ने अपना वह आदेश वापस लिया है, जिसमें एंट्रेंस एग्जाम की अनिवार्यता को खत्म किया गया था।
अब 12वीं पास छात्रों को इस काउंसलिंग में शामिल होने की पात्रता नहीं होगी। दरअसल विश्वविद्यालय से 5 निजी और 5 सरकारी डिप्लोमा कॉलेज आते हैं। इस बार सीट और फीस बढ़ने के चलते सभी 10 कॉलेजों में करीब 5 सौ सीटें खाली रह गई हैं। इन 5 सौ में से महज 100 सीटें सरकारी कॉलेजों की हैं, बाकी 400 सीटें खाली रहने का नुकसान निजी कॉलेजों को उठाना पड़ रहा है। यूनिवर्सिटी इन खाली सीटों को भरने के लिए 3 मर्तबा ऑनलाइन काउंसलिंग और एक ऑफलाइन काउंसलिंग भी की, लेकिन बावजूद इसके खाली सीटें भरी नहीं जा सकीं।
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निजी कॉलेजों ने बनाया था नियम बदलने का दबाव
दरअसल सीटें खाली रहने के चलते होने वाले नुकसान को देखते हुए निजी कॉलेजों ने विश्वविद्यालय प्रशासन पर दबाव बनाकर एंट्रेंस एग्जाम की अनिवार्यता खत्म करा दी थी। लेकिन छात्र संगठनों ने इस निर्णय का काफी विरोध किया। दरअसल निजी कॉलेजों ने सीधी स्कूलों में संपर्क कर अपनी खाली सीटें भरवाने की सांठगांठ कर ली थी। लेकिन विश्वविद्यालय ने छात्र संगठनों के विरोध को देखते हुए उक्त फैसले को वापस ले लिया।
बता दें कि शासकीय डिप्लोमा कॉलेज जबलपुर, मुरैना, रीवा, महू और भोपाल में करीब 67 सीटें खाली हैं। जबकि ग्वालियर, भिंड, बड़वानी, इंदौर और विदिशा के निजी डिप्लोमा कॉलेजों में करीब 4 सौ से ज्यादा सीटें खाली पड़ी हुई हैं।