विद्युत नियामक आयोग की ऑनलाइन जनसुनवाई में बिजली दर बढ़ाने का विरोध, 10 आपत्तिकर्ताओं ने लगाए कई आरोप

author-image
Rajeev Upadhyay
एडिट
New Update
विद्युत नियामक आयोग की ऑनलाइन जनसुनवाई में बिजली दर बढ़ाने का विरोध, 10 आपत्तिकर्ताओं ने लगाए कई आरोप

Jabalpur. प्रदेश में बिजली के दाम बढ़ाने के प्रस्ताव पर विद्युत नियामक आयोग ऑनलाइन जनसुनवाई कर रहा है। जबलपुर में 10 आपत्तिकर्ताओं ने अपनी-अपनी आपत्ति आयोग के समक्ष रखी है। सभी ने एक आवाज में बिजली के दाम बढ़ाए जाने का विरोध किया है। आपत्तिकर्ताओं ने बिजली गुणवत्ता के साथ-साथ बेवजह के बिजली करार समेत घपले-घोटाले छिपाने के लिए पेपरलेस बिल की व्यवस्था लाने का आरोप लगाया है। 



प्रबंधन की खामियों पर दिया बल



आपत्तिकर्ता रिटायर्ड सीई राजेंद्र अग्रवाल ने आयोग के समक्ष कहा कि बिजली प्रबंधन सही तरीके से नहीं होने से आम उपभोक्ताओं पर बोझ पड़ रहा है। यदि बिजली महकमे का समुचित प्रबंधन किया जाए, तो बिजली दर 3.02 फीसद बढ़ाने के बजाए 10 प्रतिशत तक दाम घटाए जा सकते हैं। 



पेपरलेस बिल का भी मुद्दा उठाया



आपत्तिकर्ताओं ने पेपरलेस बिजली बिल से हो रही परेशानी और इसकी आड़ में हो रही गलतियों पर पर्दा डालने के भी आरोप लगाए। जनसुनवाई में आयोग के अध्यक्ष एसपीएस परिहार और सदस्य गोपाल श्रीवास्तव मौजूद थे। आपत्तिकर्ताओं का कहना था कि बिजली कंपनी ने 1537 करोड़ रुपए का अंतर कम करने के लिए 3.02 फीसद दाम बढ़ाने का प्रस्ताव दिया है जो कि सही नहीं है। कंपनी को 2151 करोड़ रुपयों का लाभ हो सकता है। इससे उपभोक्ताओं को करीब 10 प्रतिशत कम दर पर बिजली मिल सकती है। साथ ही न्यूनतम ऊर्जा शुल्क को माफ करने की भी मांग रखी। 




  • यह भी पढ़ें 


  • प्रदेश के 70 हजार बिजली कर्मियों की हड़ताल शुरू, भोपाल में धरने पर बैठे, फॉल्ट नहीं सुधरने पर बढ़ेंगी परेशानी



  • पीजी नाजपांडे ने लगाया आरोप



    मध्यप्रदेश उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच के डॉ पीजी नाजपांडे ने कहा कि पिछले दो साल से बिजली कंपनियां खुले बाजार में 4 से 5 रुपए यूनिट की दर से बिजली बेच रही हैं। इस उलट प्रदेश के उपभोक्ताओं के लिए 5 से 8 रुपए प्रति यूनिट की दर से बिजली बेची गई। पीजी नाजपांडे समेत रजत भार्गव, आरएस तिवारी, डीपी दुबे, सुभाष चंद्रा ने भी आयोग से इस मामले की जांच की मांग की है। 



    किसानों की ओर से भी आई आपत्ति



    भारत कृषक समाज की ओर से केके अग्रवाल ने कहा कि ग्रामीण इलाकों में किसानों को पर्याप्त बिजली मिल नही पा रही है। ऐसे में बिजली के दाम बढ़ाया जाना गलत है। किसानों को अभी 10 घंटे ही बिजली मिल पा रही है। 


    Jabalpur News Electricity Regulatory Commission विद्युत नियामक आयोग जबलपुर न्यूज़ Online public hearing 10 objectors made many allegations ऑनलाइन जनसुनवाई 10 आपत्तिकर्ताओं ने लगाए कई आरोप