नरसिंहपुर में हड़ताल पर गए आउटसोर्स बिजली कर्मचारियों को नौकरी से हटाया, मंत्री के आश्वासन के बावजूद 4 हजार को ठेकेदार ने निकाला

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Rajeev Upadhyay
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नरसिंहपुर में हड़ताल पर गए आउटसोर्स बिजली कर्मचारियों को नौकरी से हटाया, मंत्री के आश्वासन के बावजूद 4 हजार को ठेकेदार ने निकाला

Narsinghpur, Brijesh Sharma. सरकारी सिस्टम ठेके पर चला जाए तो आप अनुमान लगा सकते हैं कि आम पब्लिक परेशानियां झेलने के अलावा और कोई राहत प्राप्त नहीं कर सकती। बीते दिनों बिजली कंपनी में सेवाएं दे रहे सैकड़ों आउटसोर्स कर्मचारी हड़ताल पर चले गए और उन्होंने ऊर्जा मंत्री के हस्तक्षेप के बाद हड़ताल समाप्त कर दी, फिर भी उन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया गया। बिजली कंपनी नरसिंहपुर सर्किल के लिए कई वर्षों से सेवाएं दे रहे कुशल ,अर्ध कुशल आउटसोर्स कर्मचारी कुछ मांगों को लेकर जनवरी में हड़ताल पर चले गए थे। 



हड़ताल पर बैठे आउटसोर्स कर्मचारियों ने प्रदेश के ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर के हस्तक्षेप के बाद हड़ताल समाप्त कर दी थी और काम पर भी लौट आए थे। लेकिन बिजली विभाग के ठेकेदारों ने उन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया है। यह आउटसोर्स कर्मचारी पिछले 15-20 साल से कंपनी को सेवाएं देते रहे लेकिन अब हड़ताल पर जाने का कारण देकर इन्हें बाहर कर दिया गया है। जिससे इन्हें दो तीन महिने से अब आर्थिक तंगी झेलना पड़ रही है।



इन कर्मचारियों ने श्रम पदाधिकारी नरसिंहपुर के समक्ष भी अपनी अर्जी दी लेकिन अफसोस है कि बिजली विभाग के अधिकारी यह कहकर पल्ला झाड़ने में कामयाब रहे कि उन्हें मैनपावर की सप्लाई कांटेक्टर करते हैं। इसके लिए बिजली कंपनी जिम्मेदार नहीं है। उधर ठेकेदार की यह दलील रही कि इनके हड़ताल पर जाने से बिजली कंपनी को जब कर्मचारियों की आवश्यकता थी तो नई भर्ती कर ली गई अब वह सेवाएं दे रहे हैं, इसलिए पहले से ही काम कर चुके कर्मचारियों की अब उन्हें जरूरत नहीं है।




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  • अकेले नरसिंहपुर ही नहीं बल्कि कई जिलों में सैकड़ों कर्मचारी बेरोजगार हो गए हैं। नरसिंहपुर ट्रांसको कंपनी में लगभग 385 सबस्टेशन हैं, जिनमें एक स्टेशन पर लगभग 11 कर्मचारी कार्यरत होते हैं। इस तरह करीब 4000 से ज्यादा कर्मचारी एक ही झटके में बाहर कर दिए गए और अब उनकी कोई सुनवाई भी नहीं हो रही है। इन कर्मचारियों में इलेक्ट्रीशियन, सुरक्षा गार्ड, ऑपरेटर , फिटर और अन्य शामिल हैं।



    ट्रांसको के जनसंपर्क अधिकारी शशिकांत ओझा ने बताया कि आउटसोर्स कर्मचारियों के बाहर करने की बात है तो यह कंपनी की व्यवस्था नहीं है। मैनपावर की सप्लाई ठेकेदार करते हैं, हड़ताल पर जाने से जब कंपनी को मैन पावर की जरूरत थी तो ठेकेदार ने नए लोग रख लिए,इसमें कंपनी का कोई हस्तक्षेप नहीं है।



     कर्मचारियों के साथ हो रहे बर्ताव से दुखी हैं जनता यूनियन



    मध्यप्रदेश विद्युत कर्मचारी जनता यूनियन के सचिव ओपी सोनी ने बताया कि जो कर्मचारी कई सालों से सेवाएं दे रहे थे स ऐसे आउटसोर्स कर्मचारियों के साथ हो रहे बर्ताव से जनता यूनियन दुखी है। आने वाले समय में पुरजोर ढंग से इसका विरोध किया जाएगा। 


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