जबलपुर में तालाब में दिखा दी थी धान की फसल, पुनर्सत्यापन के बाद निरस्त हुआ रजिस्ट्रेशन

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Rajeev Upadhyay
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जबलपुर में तालाब में दिखा दी थी धान की फसल, पुनर्सत्यापन के बाद निरस्त हुआ रजिस्ट्रेशन

Jabalpur. धान की फसल को समर्थन मूल्य पर बेचने के लिए किसान पंजीयन कराते हैं। इस रजिस्ट्रेशन की सैटेलाइट इमेजिंग के बाद हजारों खसरों में गड़बड़ी मिली थी। जिसकी मौके पर जांच कलेक्टर सौरभ कुमार सुमन द्वारा की गई। तेवर और पनागर में कलेक्टर ने स्वयं पहुंचकर मुआयना किया। जांच में कहीं पर सही तो कहीं पर गलत जानकारियां पाई गईं। पनागर में तो तालाब के खसरे में धान की फसल बोना दर्शा दिया गया था। जिन खसरों में गलत जानकारियां मिली हैं उन सभी के रजिस्ट्रेशन निरस्त कर दिए गए हैं। 



कलेक्टर ने खुद किया मुआयना



जानकारी के अनुसार कलेक्टर मंगलवार को तेवर पहुंचे और सैटेलाइट सर्वे में गैर धान क्षेत्र बताए गए खसारों के सत्यापन कार्य का जायजा लिया। अधीक्षक भू-अभिलेख की रिपोर्ट में तेवर ग्राम में सर्वाधिक 163 खसरों को सैटेलाइट सर्वे के सत्यापन में गैर धान क्षेत्र बताया गया था। पुनर्सत्यापन में अधिकांश जगह धान का क्षेत्र पाया गया। इस खसरों को मंगलवार को कलेक्टर ने वैरिफाई किया और सत्यापन को सही पाया। 



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भारत कृषक समाज ने की कार्रवाई की मांग



इधर सैटेलाइट इमेज एवं भौतिक सत्यापन में अंतर पाए जाने के मामले में भारत कृषक समाज के लोगों ने शीघ्र जांच कराने की मांग की है। यह भी मांग की है कि दोषियों पर कार्रवाई की जाए फिर भले गड़बड़ी किसान ने की हो या फिर अधिकारी ने। किसी को बख्शा नहीं जाना चाहिए। 



बारिश के चलते मंडराया धान पर संकट



इधर एक दो दिन में बारिश की संभावना जताए जाने के बाद किसानों के माथे पर बल पड़ने लगा है। खासकर उन किसानों के जिनकी धान खुले में पड़ी है। जिले के खरीदी केंद्रों में अभी भी लाखों क्विंटल धान खुले में पड़ी है। धान को ढकने के लिए समितियों ने कोई प्रबंध नहीं किया है। यदि बारिश होती है तो धान उत्पादक किसानों को बड़ा नुकसान होने की आशंका है। 


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