भोपाल में रामसहाय पांडे ने कहा- पद्मश्री मिलने के पहले लोग कहते थे कि ब्राह्मणों में राई नहीं की जाती, तुम राई करना बंद कर दो

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The Sootr
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भोपाल में रामसहाय पांडे ने कहा- पद्मश्री मिलने के पहले लोग कहते थे कि ब्राह्मणों में राई नहीं की जाती, तुम राई करना बंद कर दो

BHOPAL. भारत भवन का 41वां स्थापना दिवस कार्यक्रम मनाया गया। कार्यक्रम में 94 साल के पद्मश्री रामसहाय पांडे ने कमर पर ढोलक बांधकर राई नृत्य किया। उन्होंने कहा कि पद्मश्री मिलने के पहले जब मैं राई करता थे, तो समाज के लोग कहते थे कि ब्राह्मणों में राई नहीं की जाती। तुम राई करना बंद कर दो। हम उनसे कहते थे कि हम राई बंद कर देंगे, लेकिन आप लोग करीला जाओ, वहां जानकी मैया के यहां की राई बंद करा दो। 



जो लोग पहले मजाक उड़ाते थे, अब वे तारीफ करते हैं



पांडे ने कहा कि मैं समाज के लोगों ने कहा हूं कि आपको आपत्ति है तो मैं राई करना बंद कर देता हूं। लेकिन जानकी मैया के यहां की राई बंद करा दो। वहां एक लाख राई होती हैं। आप लोग राई को क्यों बदनाम करते हो। एक लड़की सारी रात नाचती है। उससे ये भी नहीं कहा जाता कि तुम थोड़ा बैठ जाओ। घूंघट में रहकर नाचने वाली लड़की, जिसका आप मुंह नहीं देख सकते, जिसे आप छू नहीं सकते, उसे आप खराब कहते हो। जमीन पर कंकड़, पत्थरों में रात भर नृत्य करने वाली लड़की के राई नृत्य को आप लोग खराब कहते हो। हम उसे खराब नहीं मानते। पद्मश्री मिलने के बाद जो लोग मुझ पर कमेंट कसते थे। अब उनके बात करने का अंदाज बदल गया है। वो कहते है आपने बुंदेलखंड का नाम रोशन कर दिया। जो लोग पहले मजाक उड़ाते थे, अब वे तारीफ करते हैं। हम दूसरे बच्चों के साथ ही अपने बेटों को भी राई सिखा रहे हैं।



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12 साल की उम्र से कर रहे हैं राई, 90 साल में भी नहीं छूट रही



पांडे ने बताया कि जब इस भवन का उद्घाटन हुआ था, उस समय हम एक महीने यहां रंग मंडल के साथ रहे थे। लड़कें-लड़कियों को राई नृत्य सिखाया भी था। इंदिरा जी भी आई थीं। बाहर उद्घाटन हुआ था, तब हम भी मौजूद थे। आज भी हमें बुलाया गया, ये हम जीवन भर नहीं भूल पाएंगे। हम 12 साल की उम्र से राई कर रहे हैं। अब 90 साल की उम्र हो गई, लेकिन राई का साथ नहीं छूटा।



देरी से पहुंचने पर सीएम ने मांगी माफी



बहिरंग सभागार में भारत भवन के स्थापना दिवस कार्यक्रम में सीएम शिवराज सिंह को 8 बजे ​पहुंचना था। लेकिन वह करीब 11 बजे पहुंचे। इस देरी के लिए मुख्यमंत्री ने मंच से ही माफी भी मांगी। उन्होंने कहा कि कला, संगीत, नृत्य और उत्सव के बिना जीवन अधूरा है। शरीर, मन, बुद्धि और आत्मा का सुख मनुष्य को सुखी रहने के लिए जरूरी होते हैं। कला और संस्कृति सुखी जीवन के लिए आवश्यक है। धन-दौलत से जो सुख नहीं मिलता है, वह कला और संस्कृति से मिलता है। उन्होंने कलाकारों का स्वागत करते हुए कहा, भारत भवन ने 41 वर्ष में कला-संस्कृति का नया मुकाम कायम किया है। हमने कला ग्राम की स्थापना की है। अगले साल से संचालन शुरू हो जाएगा। कला-परंपरा को आगे बढ़ाएंगे।



इन कलाकारों का मुख्यमंत्री ने किया सम्मान



मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने पद्मश्री और संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार से कलाकारों को सम्मानित किया। इनमें पद्मश्री भूरी बाई, पद्मश्री दुर्गा बाई, भज्जू श्याम, संगीतकार वसंत राव शिवलीकर, तबला वादक किरन देशपांडे, राई नृतक पं. राम सहाय पांडे, गायक पंडित उमाकांत गुंदेचा, रंगकर्मी आलोक चटर्जी, लोक जनजातीय कला के अध्येता कपिल तिवारी, युवा रंगकर्मी सरफराज हुसैन और बैगा नृतक अर्जुन सिंह धुर्वे का सम्मान किया।


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