2 साल के मासूम का दर्द: गले की दुर्लभ बीमारी से पीड़ित, ऑपरेशन के लिए चाहिए 12 लाख

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2 साल के मासूम का दर्द: गले की दुर्लभ बीमारी से पीड़ित, ऑपरेशन के लिए चाहिए 12 लाख

जबलपुर. यहां रहने वाला एक दो साल का बच्चा रुद्रांश गले की दुर्लभ बीमारी सबग्लोटिक स्टेनोसिस से पीड़ित है। वह सामान्य बच्चे की तरह नाक या मुंह से सांस नहीं ले सकता। पीड़ित के गले के नीचे छेद कर उसमें नली डाली गई है, ताकि वह सांस ले सके। बच्चा बोल भी नहीं सकता। रुद्रांश हर 10-15 दिन में बीमार पड़ जाता है। इलाज के लिए परिवार को अभी 12 लाख रुपए चाहिए, लेकिन उनके पास इतने पैसे नहीं है।

मुंबई में हो सकता है इलाज

बच्चे के इलाज के लिए पिता ने मुंबई के हॉस्पिटल एसआरसी (SRC) में बात की है। डॉक्टरों ने 12 लाख रुपए का खर्च बताया है। अधारताल के संजय नगर में रहने वाले आकाश वथाव तीन कोचिंग में पढ़ाकर महीने में 9 हजार रुपए कमाते हैं। वहीं, दिन में पराठे का ठेला लगाते हैं। इस रकम की व्यवस्था करना उनके लिए बेहद मुश्किल होगा।

पैदाइश के समय दिल में था छेद

पैदा होते ही 24 घंटे में रुद्रांश के हाथ-पैर नीले पड़ गए थे। जांच में पता चला कि उसके दिल में छेद है। तुरंत एंबुलेंस से उसे मुंबई लेकर गए। 1.5 महीने (45 दिन) तक वह वेंटीलेटर सपोर्ट पर रहा। दिल का छेद तो ठीक हो गया, लेकिन उसकी सांस की नली अवरूद्ध हो गई। मेडिकल भाषा में कहें तो वह सबग्लोटिक स्टेनोसिस नाम की बीमारी की चपेट में आ गया। सांस नली के बंद होने के कारण उसकी आवाज भी बंद हो गई है। डॉक्टरों ने उसके गले के नीचे छेद कर उसमें नली डाली,  जिसे ट्रेकीर्योस्टमी कहते हैं। इसी के जरिए वह सांस लेता है। कई दिनों तक वह अस्पताल में भर्ती रहा, रोजना 5 हजार रुपए खर्च होते थे। डॉक्टरों ने इलाज के लिए 12 लाख का इंतजाम करने को कहा है। लेकिन इतनी रकम न होने के कारण मासूम के पिता ने घर के ही एक कमरे को अस्पताल बना दिया है। मां संध्या बेटे की हर समय देखभाल करती हैं। मासूम को समय-समय पर सक्शन कराना, नेबुलाइजर मशीन के माध्यम से नेबुलाइजेशन करवाना और शरीर का तापमान मेंटेन करने के लिए हीटिंग मशीन से हीट कराना पड़ता है। इन सब से मासूम इंफेक्शन से बचता है।

द सूत्र the sootr 2 साल का बच्चा है पीड़ित गले की बीमारी से