BHOPAL. बागेश्वर धाम के धीरेंद्र शास्त्री को 500 एकड़ जमीन की जरूरत है और बागेश्वर धााम की तरफ से बकायदा सरकार को पत्र लिखकर इसकी मांग की गई है। ये भी लिखा है कि संविधान इसकी इजाजत देता है। आखिरकार बागेश्वर धाम को इतनी जमीन की जरूरत क्यों पड़ी है और संविधान के किस आर्टिकल का हवाला दिया गया है।
सुर्खियों में बने हुए हैं पंडित धीरेंद्र शास्त्री
बागेश्वर धाम वो जगह है जहां सनातन और हिंदुत्व के पोस्टर बॉय आचार्य धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री का दरबार सजता है। यहां हर हफ्ते 5 लाख श्रद्धालु आते हैं। बागेश्वर धाम और धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ये वो नाम हैं जो बीते एक साल में सुर्खियों में बने हुए हैं। अब बागेश्वर धाम को चाहिए 500 एकड़ जमीन और जमीन के लिए धाम की तरफ से मध्यप्रदेश हाईकोर्ट के एडवोकेट डॉ. प्रशांत पाठक ने मध्यप्रदेश सरकार को पत्र लिखा है। इस पत्र बाकायदा भूमि अधिग्रहण संविधान के आर्टिकल 26 का जिक्र किया गया है। बागेश्वर धाम की मांग है कि आर्टिकल 26 के तहत प्रस्ताव बनाकर जमीन दी जाए।
आर्टिकल 26 क्या है?
आर्टिकल 26 धार्मिक प्रयोजनों के लिए धार्मिक संस्थाओं की स्थापना और पोषण की स्वतंत्रता देता है। आसान शब्दों में इसे धार्मिक कार्यों के प्रबंधन की स्वतंत्रता भी कह सकते हैं। यानी आर्टिकल 26 किसी व्यक्ति को अपने धर्म के लिए संस्थाओं की स्थापना और पोषण धर्म से जुड़े कामों का प्रबंधन करने चल और अचल संपत्ति संपत्ति के अर्जन और स्वामित्व का अधिकार देता है।
वीडियो देखिए..क्या है सनातन के पोस्टर बॉय का नया प्लान?
500 एकड़ जमीन की जरूरत क्यों पड़ी?
आर्टिकल 26 को आधार बनाकर बागेश्वर धाम ने सरकार से जमीन की मांग की है। अब सवाल ये है कि आखिर दिव्य दरबार चलाने वालों को 500 एकड़ जमीन की जरूरत क्यों पड़ी? दरअसल, पत्र में धाम की तरफ से लिखा गया है कि बागेश्वर धाम में आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ती जा रही है और धाम के पास भक्तों के लिए पर्याप्त स्थान और साधन संसाधन नहीं हैं जिससे श्रद्धालुओं को भारी दिक्कतें हो रही हैं। इसके अलावा धाम का ये भी तर्क है कि अगर सरकार 500 एकड़ जमीन देती है तो...
- बागेश्वर धाम को अंतरराष्ट्रीय स्तर का शक्ति स्थल बनाया जाएगा
पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा
इन सब बातों के अलावा धाम ने ये भी कहा कि इससे ना केवल मध्यप्रदेश की आर्थिक तरक्की होगी बल्कि पूरे देश में रोजगार ने नए रास्ते भी खुलेंगे। तर्क ये भी है कि चूंकि ये जगह वर्ल्ड हेरिटेज खजुराहो से लगा हुआ है इसलिए यहां पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा।