Panna. पन्ना जिले के देवेन्द्र नगर थाना प्रभारी और एक प्रधान आरक्षक को सागर लोकायुक्त पुलिस ने रविवार की शाम पकड़ा था। तभी लोकायुक्त पुलिस और देवेंद्र नगर थाना पुलिस के बीच विवाद हो गया और मारपीट कि घटना घटित हो गई और तभी थाना प्रभारी घटनास्थल से फरार हो गई।
एफआईआर से नाम काटने के एवज में मांगी रिश्वत
बता दें पन्ना जिले के देवेंद्र नगर के ग्राम दमन टोला में कुछ दिन पूर्व किसी विवाद पर गोली चलने की घटना घटित हुई थी। गोली लगने से 3 लोग घायल हुए थे और आरोपियों पर हत्या के प्रयास का मामला दर्ज किया गया था। पुलिस ने विजय यादव नाम के व्यक्ति को भी आरोपी बनाया था। इसमें थाना प्रभारी देवेंद्र नगर ज्योति सिंह सिकरवार और हवलदार अमर सिंह द्वारा एफआईआर से नाम काटने के बदले 1 लाख रुपए की मांग विजय यादव से की गई थी और मामला 50 हजार रुपए में तय किया गया और रविवार का दिन तय हुआ।
पीड़ित ने की थी लोकायुक्त में शिकायत
इसी दौरान पीड़ित विजय यादव द्वारा लोकायुक्त पुलिस सागर में शिकायत कर दी। रविवार को लोकायुक्त सागर की टीम ने पहुंचकर जैसे ही पन्ना के देवेंद्र नगर थाना प्रभारी ज्योति सिह सिकरवार और प्रधान आरक्षक अमर सिंह को 50 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए उनके निवास से गिरफ्तार किया और कार्यवाही करने के लिए जब लोकायुक्त पुलिस ने टीआई ज्योति सिंह सिकरवार से पुलिस थाने चलने के लिए कहा तो टीआई के द्वारा मना कर दिया एवं अभद्र व्यवहार करना शुरू कर दिया। जिस पर लोकायुक्त निरीक्षक मंजू सिह द्वारा टीआई को एक चांटा मार दिया और पुलिस थाना लेकर पहुंचे, लेकिन वहां भी विवाद होने लगा। इसी बीच मौका पाकर प्रधान आरक्षक अमर सिह मौके से फरार हो गया और देवेन्द्र नगर पुलिस को जानकारी लगी कि लोकायुक्त पुलिस ने टीआई को चांटा मार दिया तो देवेंद्र नगर थाना पुलिस के स्टॉप व लोकायुक्त पुलिस में विवाद हो गया।
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ट्रेप कार्रवाई के बाद दे-दनादन
विवाद इतना बढ़ा कि दोनों के बीच मारपीट की घटना घटित हो गई। इसमें देवेंद्र नगर पुलिस द्वारा लोकायुक्त डीएसपी राकेश खड़के, निरीक्षक मंजू सिह, आरक्षक आशुतोष व्यास सहित अन्य के साथ मारपीट कर दी और घटना के बाद थाना प्रभारी ज्योति सिंह सिकरवार भी वहां से फरार हो गई। जिसके बाद लोकायुक्त पुलिस ने जिले के एसपी और वरिष्ठ अधिकारियों को मामले में जानकारी दी।