क्या है काशी एक्सप्रेस के रोजाना लेट होने की वजह, RPF की जांच में हुआ चौंकाने वाला खुलासा

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Rahul Sharma
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क्या है काशी एक्सप्रेस के रोजाना लेट होने की वजह, RPF की जांच में हुआ चौंकाने वाला खुलासा

BHOPAL. ट्रेनों में होने वाली चेन पुलिंग कोई नई घटना नहीं है। रेलवे इस समस्या से हर रोज दो चार होता है, कार्रवाईयां भी होती है, इसके बावजूद आए दिन चेन पुलिंग की घटनाएं सुनने को मिलती है, पर अब जो मामला हम आपको बताने वाले हैं वो बेहद चौंकाने वाला है। काशी एक्सप्रेस में आए दिन हो रही चेन पुलिंग कोई और नहीं बल्कि ट्रेन की पेंट्रीकार का मैनेजर ही करता था। 15 अप्रैल को आरपीएफ ने पेंट्रीकार मैनेजर को चेन पुलिंग करते रंगे हाथों गिरफ्तार किया।



खंडवा-बनापुरा के बीच 4 बार चेन पुलिंग



गाड़ी संख्या 15017 काशी एक्सप्रेस में चेन पुलिंग और प्रेशर ड्रॉप घटनाएं आए दिन बढ़ रही थी। जिसके बाद आरपीएफ की एक टीम ट्रेन में नियुक्त की गई। 15 अप्रैल को खंडवा-बानापुरा के बीच काशी एक्सप्रेस में चार बार प्रेशर ड्रॉप/चेन पुलिंग हुई, लेकिन ट्रेन के खड़े होने से पहले प्रेशर आ जाने के कारण चल देती थी। इसके बाद टिमरनी-बानापुरा के बीच फिर से प्रेशर ड्रॉप होने पर पेंट्रीकार में चेक करने पर कोई ओर नहीं बल्कि पेंट्रीकार के मैनेजर सूरज सिंह को रंगे हाथों पकड़ा गया। सूरज पर मामला दर्ज कर लिया गया है। 



पहले भी चेन पुलिंग कर ट्रेन को कराया लेट



काशी एक्सप्रेस के पेंट्रीकार मैनेजर सूरज पिता राजकुमार सिंह महोबा उत्तर प्रदेश का रहने वाला है। पूछताछ में उसने बताया कि चेन पुलिंग गाड़ी को लेट करने के लिए की जाती है ताकि गाड़ी निर्धारित समय से पहले इटारसी स्टेशन पर ना पहुंचे, क्योंकि गाड़ी निर्धारित समय से पहले इटारसी स्टेशन पहुंचने पर उसके खाने की बिक्री कम हो जाती है। पूछताछ में उसने स्वीकार किया कि 11 अप्रैल को भी इसी गाड़ी में बानापुरा-इटारसी के बीच चेन पुलिंग की गई थी।



बेवजह चेन पुलिंग करने से होता है ये नुकसान



आपको बता दें कि ट्रेन में बेवजह चेन पुलिंग करने के कारण रेलवे को भारी नुकसान होता है। चेन पुलिंग के कारण ट्रेन लेट होती है। इससे लंबी दूरी की यात्री कर रहे पैसेंजर को दिक्कतों का सामना करना पड़ता है, एक ट्रेन लेट होने से उसी ट्रेक पर पीछे की ओर से आ रही अन्य ट्रेन भी लेट होती है, इससे रेलवे को आर्थिक नुकसान होता है। 



रेलवे को होने वाले नुकसान का गणित



जानकारी के मुताबिक अगर डीजल से चलने वाली पैसेंजर ट्रेन एक मिनट रुकती है तो उसे 20401 रुपए का नुकसान होता है, वहीं इलेक्ट्रिक ट्रेन को 20459 रुपए का नुकसान होता है। इसी तरह डीजल से चलने वाली गुड्स ट्रेन को एक मिनट रुकने पर 13334 रुपए और इलेक्ट्रिक ट्रेन को 13392 रुपए का नुकसान होता है। ये वो नुकसान है जो सीधे तौर पर रेलवे को होता है। 



बेवजह चेन पुलिंग करने पर हो सकती ये कार्रवाई



अगर कोई व्यक्ति बिना किसी सही वजह के चेन पुलिंग करता है तो उस पर रेलवे कार्रवाई कर सकता है। उसे 1000 रुपये जुर्माना या एक साल की जेल हो सकती है। रेलवे एक्ट सेक्शन 141 के तहत बेवजह चेन पुलिंग करना कानूनन अपराध है। ऐसा करने वाले को जीवन भर के लिए सरकारी नौकरी से भी वंचित किया जा सकता है।


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