आमीन हुसैन, RATLAM. रतलाम के आदिवासी अंचल में सरकारी जमीन को किस तरह से निजी करने का खेल पटवारी कर रहे हैं। इसका खुलासा मंगलवार, 11 अप्रैल को कलेक्टर जनसुनवाई में आई शिकायत से हआ। एक आदिवासी ने पटवारी के खिलाफ सरकारी जमीन को नाम कर फर्जी पावती बनाकर देने की शिकायत की। आदिवासी ने पटवारी पर पावती बनाने के लिए एक लाख नब्बे हजार रुपए लिए जाने का भी आरोप लगाया है।
कलेक्टर से बजरंगगढ़ पटवारी की शिकायत
दरसअल, यह सनसनीखेज मामला है रतलाम जिले के आदिवासी अंचल रावटी क्षेत्र के ग्राम भूतपाड़ा निवासी रमेश का। रमेश ने जनसुनवाई में शिकायत की गांव की जमीन सर्वे क्रमांक 112 रकबा 2.00 पर उसका और उसकी पत्नी का नाम पर दर्ज है। इस जमीन की पावती भी बनी हुई है। जो कि मेरे द्वारा बजरंगगढ़ की पटवारी सोनिया चौहान से बनवाई थी, लेकिन यह पावती फर्जी है। इसका खुलासा तब हुआ, जब वह जमीन का खाता खसरा की कॉपी निकलवाने के पहुंचा। वहां इस जमीन के खाता खसरा की नकल मेरे और मेरी पत्नी के नाम से नहीं निकल रही थी। कम्प्यूटर के रिकार्ड में यह जमीन सरकारी बताई जा रही थी। खाता खसरा निकालने वाले ने बताया की जो पावती दी गई है वह फर्जी है।
ये भी पढ़ें...
कलेक्टर ने दिए जांच के आदेश
आदिवासी रमेश ने शिकायत में बताया कि उसने इस जमीन की पावती बनाने के लिए बजरंगगढ़ की पटवारी सोनिया चौहान को टुकड़ों में करीब एक लाख नब्बे हजार रुपए की राशि दी और साथ में उनके घर पुताई का काम भी किया। शिकायत में रमेश ने फर्जी पावती बनाकर देने वाली महिला पटवारी के खिलाफ कार्रवाई करने और उसके रुपए वापस दिलाए जाने की मांग की है। इस शिकायत पर कलेक्टर ने सैलाना एसडीएम को तत्काल जांच कर तीन दिन में जांच रिपोर्ट देने को कहा है। साथ ही कलेक्टर ने कहा कि जांच में जो भी दोषी होगा उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज होगी।