BHOPAL. मध्यप्रदेश विधानसभा में गुरुवार को कांग्रेस के विधायक जीतू पटवारी को बजट सत्र की बाकी अवधि के लिए निलंबित किए जाने से कांग्रेस गुस्से में है और मध्यप्रदेश विधनसभा के अध्यक्ष के खिलाफ शुक्रवार को अविश्वास प्रस्ताव लाने की तैयारी कर रही है। गुरुवार को भी कांग्रेस विधायकों ने अपने विधायक के निलंबन का विधानसभा में जमकर विरोध किया। विधानसभा अध्यक्ष के खिलाफ नारेबाजी की। इसके बाद प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने स्पीकर के खिलाफ शुक्रवार को अविश्वास प्रस्ताव लाने की बात कही है।
कमलनाथ ने कहा- विधानसभा अध्यक्ष पर नहीं भरोसा
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ के निवास पर गुरुवार देर शाम हुई बैठक में तय हुआ कि शुक्रवार को विधानसभा में स्पीकर के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया जाएगा। पूर्व सीएम कमलनाथ ने बैठक के बाद मीडिया से बातचीत में कहा कि मौजूदा विधानसभा अध्यक्ष पर हमें भरोसा नहीं है। जब भी हम सदन में किसी विषय पर चर्चा कराने की बात करते हैं, भ्रष्टाचार से जुड़े प्रश्न पूछते हैं, तो सरकार चर्चा से भागने लगती है। सवाल केवल जीतू पटवारी का नहीं, बल्कि संसदीय मर्यादा का है। विधायक जीतू पटवारी का निलंबन पहले से तय था। यह साजिश के तहत हुआ है।
कांग्रेस चाहती है सरकार की असफलताएं गिनना, बीजेपी का बजट पास करने पर फोकस
दरअसल कांग्रेस एक विशेष रणनीति पर काम कर रही है। कांग्रेस चाहती है कि अविश्वास प्रस्ताव के ज़रिए वो सरकार की असफलताएं गिनाए। सरकार किस तरह कर्ज़ में डूबती जा रही है। 39 करोड़ रुपये सिर्फ प्लेन और हेलीकॉप्टर के किराए पर खर्च किये गए। कांग्रेस ये सारी बातें विधानसभा के रिकॉर्ड में लाना चाहती है। वहीं सरकार की कोशिश बजट पास कराने की है। बीजेपी चाहती है कि हंगामें के बीच ही सही बजट की अनुदान मांगों पर चर्चा हो ताकि बजट पारित किया जा सके।
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कांग्रेस ने कहा-यह अलोकतांत्रिक कदम
विधायक जीतू पटवारी के निलंबन का कांग्रेस विरोध कर रही है। कमलनाथ ने कहा कि यह अलोकतांत्रिक कदम है। विधानसभा अध्यक्ष को अपने निर्णय पर पुनर्विचार करना चाहिए। उन्होंने कहा कि एकतरफा कार्रवाई विधानसभा की उच्च परंपराओं के अनुकूल नहीं है। वहीं, पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा ने कहा कि बीजेपी के इशारे पर तानाशाही तरीके से जीतू पटवारी को निलंबित किया गया है।