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Jabalpur. जबलपुर में वोटरों को साधने के लिए दो तहसीलों का गठन किया गया। अधिसूचना जारी कर दी गई। दावे और आपत्तियां बुलाई गईं। लेकिन जनता को सरकार का यह फैसला रास नहीं आ रहा है। मझौली से अलग कर पौड़ा को तहसील बनाने के विरोध में 6 पंचायतों ने आपत्ति जताते हुए कहा है कि यह उन्हें मंजूर नहीं है। बता दें कि जबलपुर में बरगी क्षेत्र को तहसील बनाने की मांग उठी थी, लेकिन इसका फायदा सीधे-सीधे कांग्रेस विधायक संजय यादव उठा लेते, इस वजह से उसे तहसील नहीं बनाया गया।
शासन ने राजपत्र में अधिसूचना जारी की थी और मझौली को विखंडित कर नई तहसील पौड़ा और पाटन तहसील के कुछ हल्कों को अलग कर कटंगी तहसील बनाने दावे और आपत्तियां बुलाई थीं। जिसके चलते 6 ग्राम पंचायतों ने आपत्ति जताई है कि भौगोलिक हिसाब से मझौली तहसील ही बेहतर है। ग्राम पंचायत कूड़ा, कंजई, खिरवा, कैलवास, खुड़ावल, देवरी और चन्नौटा की तरफ से आपत्ति दर्ज कराई गई है। जनपद पंचायत मझौली की तरफ से भी इस संबंध में पत्र लिखा गया है। अब इन आपत्तियों पर राज्य शासन सुनवाई करेगा।
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यह आपत्तियां आईं
ग्राम पंचायतों की तरफ से भेजे गए पत्र में कहा गया है कि पौड़ा की जगह मझौली तहसील ही उनके लिए भौगोलिक दृष्टि से उचित है। पौड़ा तक पहुंचना कठिन है। यह भी कहा गया कि गरीब तबके को ध्यान में रखकर उन्हें मझौली से अलग नहीं किया जाए।
भू अभिलेख अधीक्षक ललित ग्वालवंशी ने बताया कि मझौली और पाटन का विखंडन कर पौड़ा और कटंगी तहसील बनाने के लिए शासन की तरफ से अधिसूचना जारी की गई थी। इस पर दावे-आपत्तियां बुलाई गई थीं। जो आपत्तियां आई हैं उन्हें शासन को अवगत करवा दिया गया है।
मझौली तहसील के अंतर्गत 85 हल्के और 225 राजस्व ग्राम आते हैं। हल्कों की दूरी मुख्यालय से 30 से 40 किमी है। लोगों को मझौली पहुंचने के लिए दो बार वाहन बदलना पड़ता है। राजस्व निरीक्षक मंडल पौड़ा को अलग कर इसे तहसील बनाया जा रहा है। इसके अंतर्गत 43 पटवारी हल्के और 100 गांव आते हैं। पाटन तहसील में अभी 230 ग्राम और 81 हल्के आते हैं। वहीं विखंडन के बाद उपतहसील कटंगी को पूर्ण तहसील का दर्जा मिल रहा है। इसमें 96 गांव और 32 पटवारी हल्के हैं।