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BHOPAL. नगरीय निकाय चुनाव (urban body elections) के बहाने बीजेपी (bjp) और कांग्रेस (Congress) की नजर मिशन 2023 में लोगों की नब्ज पर हाथ रखने की ज्यादा रही है। निकाय चुनाव में नए चेहरों को उम्मीदवार बनाने का प्रयोग कामयाब माना जा रहा है। बीजेपी और कांग्रेस ने अगले विधानसभा चुनाव (Assembly Elections) में नए चेहरों को उम्मीदवार बनाने की तलाश भी शुरु कर दी है। इसके पीछे की वजह ये है कि विधानसभा में नए चेहरों की जीत का प्रतिशत बहुत ज्यादा है। वर्तमान विधानसभा में एक तिहाई पहली बार के विधायक हैं। इससे पहले 2013 में भी आधे विधायक पहली बार निर्वाचित हुए थे। यानी साफ है कि जनता अब नए और युवा लोगों पर भरोसा करने लगी है। पिछले एक दशक में प्रदेश की राजनीति में ये बदलाव आया है। यही कारण है कि कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ (Congress President Kamal Nath) ने करीब 80 विधानसभा क्षेत्रों में नए लोगों को काम के आधार पर टिकट की उम्मीद जगा दी है। वहीं बीजेपी ने भी नए चेहरों की तलाश तेज कर दी है।
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निकाय में नए चेहरों पर मुहर के कुछ उदाहरण
हाल ही में आए नगरीय निकाय चुनावों में मेयर कैंडिडेट में जनता ने नए चेहरों को मौका दिया है। बीजेपी-कांग्रेस ने भी नए चेहरों को चुनावी राजनीति में उतारने का नया प्रयोग कर आने वाले विधानसभा चुनाव में टिकट के आधार की इबारत लिखनी शुरु कर दी है। जनता ने नए चेहरों के आगे पुराने विधायकों को भी एक सिरे से खारिज कर दिया। मेयर उममीदवार बने कांग्रेस के तीनों विधायक चुनाव हार गए। वहीं छिंदवाड़ा से विक्रम अहाके जैसे अंतिम पंक्ति के एक आम युवा को मौका देकर ये जता दिया कि जनता का मूड बदला हुआ है।
- भोपाल में बीजेपी की मालती राय मेयर बनीं जबकि पूर्व मेयर और विधानसभा चुनाव लड़ चुकीं विभा पटेल को जनता ने नकार दिया।
विधानसभा में एक तिहाई पहली बार के विधायक
-विधानसभा चुनाव 2018
- पहली बार के विधायक — 84
इस तरह कम होते गए विधायक
—दूसरी बार के विधायक : 61
- कांग्रेस — 23
— तीसरी बार के विधायक : 36
- कांग्रेस — 11
— चौथी बार के विधायक : 21
- कांग्रेस — 4
पांचवीं बार के विधायक : 13
- कांग्रेस — 5
छटवीं बार के विधायक : 8
- कांग्रेस — 2
सातवीं बार के विधायक : 4
- कांग्रेस — 1
आठवीं बार के विधायक : 1
- कांग्रेस — 0
2013 में पहली बार के विधायकों की संख्या थी आधी
साल 2013 यानी चौदहवीं विधानसभा में नए चेहरों की संख्या कुल विधायकों की आधी यानी 50 फीसदी थी। कुल 230 विधायकों में से 113 विधायक पहली बार निर्वाचित होकर विधानसभा पहुंचे थे। इनमें बीजेपी के सबसे ज्यादा 63 विधायक थे। वहीं कांग्रेस के 43 विधायक चुने गए थे जबकि कांग्रेस के कुल विधायकों की संख्या ही 57 थी। वहीं चार बीएसपी और तीन निर्दलीय विधायक पहली बार चुने गए।
कांग्रेस ने युवा कांग्रेस को सौंपा काम
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने संगठन को नए चेहरों की तलाश करने का काम सौंप दिया है। निकाय चुनाव में जो चेहरे सामने आए हैं उनको भी जनता के बीच और तैयारी करने को कहा गया है। इसके अलावा करीब 80 विधानसभा क्षेत्रों में भी कमलनाथ युवा चेहरों से विधानसभा चुनाव के हिसाब से तैयारी करने को कह चुके हैं। इसके अलावा युवा कांग्रेस अध्यक्ष विक्रांत भूरिया से भी कहा गया है कि संभावना के आधार पर युवाओं को चुनाव के हिसाब से काम पर लगाया जाए। विक्रांत भूरिया कहते हैं कि वे नए चेहरों को चुनाव के हिसाब से तैयारी करवा रहे हें।
बीजेपी भी नए चेहरों की तलाश में
वहीं मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी संगठन से नए चेहरे तलाशने को कहा है ताकि उनको अगले विधानसभा चुनाव में उम्मीदवार के तौर पर उतारा जा सके। बीजेपी संगठन इसके लिए अलग—अलग जिला अध्यक्षों से राय मशवरा कर नए चेहरों को काम पर लगा रहा है। जनता में लोकप्रियता और स्वीकार्यता के आधार पर विधानसभा चुनाव लड़ाने पर फैसला किया जाएगा। तीन बार के विधायक यशपाल सिंह सिसौदिया कहते हैं कि राजनीति में वक्त के साथ बदलाव आ रहा है अब लोग नए चेहरों को पसंद कर रहे हैं। पुराने चेहरे भी वही राजनीति में कायम हैं जो युवाओं की भांति लागातार जनता के बीच सक्रिय हैं।