संजय गुप्ता, INDORE. बड़े कॉर्पोरेट घरानों की कमान अब धीरे-धीरे युवा पीढ़ी के हाथ में आ रही है और उनके प्लान के आधार पर ही कंपनियां आगे बढ़ रही है। रिलायंस ग्रुप की रिलायंस रिटेल कंपनी की कमान मुकेश अंबानी की बेटी ईशा अंबानी के पास है। अगस्त 2022 में हुई एजीएम में यह कमान हाथ में लेते समय उन्होंने अहम घोषणा करते हुए प्लान बताया था कि वह आदिवासियों और ग्रामीणों की सामग्री की बिक्री को मंच देने का काम करेंगी। मप्र में लागू हुआ पेसा एक्ट भी मप्र में आदिवासियों को जल, जंगल, जमीन पर उन्हें हक देता है। प्रदेश में कई तरह के उत्पाद आदिवासियों द्वारा बनाए जाते हैं। इन उत्पादों की बिक्री के लिए यदि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और उनकी टीम ईशा की रिलायंस रिटेल के साथ टाईअप कर सकें तो यह आने वाले चुनाव के पहले प्रदेश की आदिवासी 47 सीटों के लिए उनका मास्टर स्ट्रोक साबित हो सकता है। आने वाले समय में रिलायंस रिटेल के जरिए एफएमसीजी सेक्टर पर मप्र में फोकस करेगी और इसमें निवेश होगा।
आकाश अंबानी मप्र में फैलाएंगे 5जी नेटवर्क
ईशा के जुड़वा भाई आकाश के पास रिलायंस जियो की कमान है, जिसका मुख्य लक्ष्य सितंबर 2023 तक पूरे देश में 5जी का नेटवर्क फैलाना है। मप्र में उज्जैन, इंदौर, भोपाल जैसे शहर में काम शुरू हो चुका है और अन्य शहर भी तेजी से दायरे में आएंगे। ऐस में इसमें आकाश अंबानी द्वारा भारी निवेश किया जाएगा। भले ही वह समिट में आए या नहीं लेकिन रिलायंस नेटवर्क मप्र में फैलाने की नीति तैयार है।
अडानी और अंबानी दोनों का फोकस ग्रीन एनर्जी पर
ग्रीन एनर्जी नए दौर में सबसे बड़ा सेक्टर होने जा रहा है। इसके लिए गौतम अडानी ने राजस्थान में सोलर एनर्जी में 40 हजार करोड़ का निवेश करार किया है, जो 25 हजार को रोजगार देगा। मप्र में भी इसमें काफी संभावनाएं हैं। वहीं उनके बेटे करण अडानी का फोकस सीमेंट सेक्टर पर है, हाल ही में उन्होंने अंबुजा और एसीसी कंपनियों का अधिग्रहण किया है। सीमेंट सेक्टर के लिए पहले से ही मप्र में काफी संभावनाएं हैं। अडानी के भतीजे प्रणय अडानी समिट में आ सकते हैं। मुकेश अंबानी भी इस सेक्टर पर अधिक फोकस है। उन्होंने भी राजस्थान में रिन्यूएबल एनर्जी सेक्टर में एक लाख करोड़ के निवेश का करार किया है, जिससे दस हजार लोगों को रोजगार मिलेगा। सस्ती सोलर एनर्जी तकनीक के लिए अंबानी ने हाल ही में अमेरिका की कैलक्स कंपनी के साथ टाईअप भी किया है, जो काफी अहम साबित होगा। वहीं हाल ही में केंद्र ने हाईड्रोजन एनर्जी को लेकर नीति तय की है, जिसमें आने वाले समय में आठ लाख करोड़ का निवेश होगा। इसका लाभ मप्र उठा सकता है।
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टाटा भी पॉवर सेक्टर के लिए उत्साहित
टाटा ग्रुप भी पॉवर सेक्टर के लिए उत्साहित है, वह इस सेक्टर में भारी निवेश करने के लिए तैयार है। समिट में कंपनी के सीईओ और एमडी डॉ. प्रवीर सिन्हा भी आ रहे हैं, ऐसे में वह निवेश को लेकर बड़ी घोषणा कर सकते हैं। इसके साथ ही वेदांता ग्रुप भी हाल के समय में बड़े निवेशकों में से एक हो गया है। इनके चैयरमैन अनिल अग्रवाल देश की पहली और सबसे बड़ी सेमी कंडक्टर यूनिट डेढ़ लाख करोड़ के निवेश की गुजरात में लगा रहे हैं। यह ग्रुप भी प्रदेश को काफी कुछ दे सकता है।
इनसे भी प्रदेश को उम्मीदें
इसके साथ ही मप्र को आदित्य बिडला ग्रुप के कुमार मंगलम बिडला, टाटा इंटरनेशनल के चेयरमैन नोएल टाटा, बजाज फिन्सर्व के संजीव बजाज, गोदरेज इंडस्ट्री के चेयमरैन नादिर गोदरेज, आईटीसी के चैयरमैन संजीव पुरी, किर्लोस्कर ग्रुप के संजय किर्लोस्कर, पिरामल ग्रुप के अजय पिरामल, फोर्स मोटर्स के अभय फिरोदिया, हिंदुस्तान यूनिलीवर के संजीव मेहता, भारती इंटरप्राइजेज के सुनील मित्तल व राकेश भारती मित्तल, सीएट टायर्स के अनंत गोयनका, डालमिया समूह के पुनील डालमिया, जेके टायर्स के रघुपति सिंघानिया, वॉल्वो ग्रुप, एलएंडटी से भी उम्मीद है। टोरेंट पॉवर, एचईजी, आरएसडब्ल्यएम लिमिटेड, बीबा फैशन, रमणीक पावर जैसे ग्रुप तो पहले ही निवेश तय कर चुके हैं।