मोदी करेंगे 10 मई को शुभारंभ, 100 cr की मदद, 10,000 नए स्टार्टअप्स

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Shivasheesh Tiwari
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मोदी करेंगे 10 मई को शुभारंभ, 100 cr की मदद, 10,000 नए स्टार्टअप्स

रूचि वर्मा, Bhopal. आगामी वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए मध्य प्रदेश सरकार की नई स्टार्टअप पॉलिसी-2022 आ चुकी है।  जिसका शुभारम्भ प्रधानमंत्री मोदी द्वारा 10 मई को किया जाएगा। हाल ही में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ मुलाक़ात की थी जिसमे उन्होंने पीएम को बताया कि मध्यप्रदेश में स्टार्टअप बड़ी तेजी से उभर रहे हैं। साथ ही उन्होंने पीएम से नई स्टार्टअप पॉलिसी को लांच करने लिए समय माँगा था जिसके लिए प्रधानमंत्री 10 मई को वर्चुअली जुड़ने को तैयार हुए हैं। पॉलिसी में स्टार्टअप्स के लिए 100 करोड़ के फण्ड की घोषणा के साथ अन्य कई बड़ी घोषणाएँ की गई है। मध्य प्रदेश के उद्योग मंत्री ओमप्रकाश सकलेचा ने द सूत्र से बात में बताया की वर्तमान के 2000 स्टार्टअप्स के पांच गुना यानी 10,000 स्टार्टअप्स को ग्रो करवाने की कोशिश की जायेगी। प्रदेश के स्टार्टअप ओनर्स ने भी द सूत्र से बातचीत में पालिसी के प्रति उम्मीद दिखाई। 



नई स्टार्टअप नीति का मुख्य फोकस-



1. स्टार्टअप्स के लिए 100 करोड़ का वेंचर कैपिटल फंड, बैंक गारंटी के साथ



मध्य प्रदेश की नई स्टार्टअप पालिसी का सबसे बड़ा पॉइंट है 100 करोड़ का वेंचर कैपिटल फंड, वो भी बैंक गारंटी के साथ। युवा उद्यमियों को उनके स्टार्टअप में मदद करने के उद्देश्य से वेंचर कैपिटल फण्ड की स्थापना को लेकर प्रदेश के मंत्री, मुख्यमंत्री और अधिकारी बात तो वर्ष 2015 से करते आयें हैं। पर यह फण्ड किसी न किसी कारण सिर्फ बातों और घोषणाओं में ही अटका रहा। पर अब सरकार ने विभाग को मध्य प्रदेश वेंचर फाइनेंस लिमिटेड और मध्य प्रदेश वेंचर फाइनेंस ट्रस्टी लिमिटेड का मध्य प्रदेश लघु उद्योग निगम में मर्जर कर वेंचर कैपिटल फण्ड की आवंटित बजट राशि की स्वीकृति देने को भी बोल दिया है। इसके लिए ई-स्टार्टअप पाॅलिसी के तहत प्रदेश के स्टार्टअप्स के लिए करीब 100 करोड़ का वेंचर कैपिटल फंड स्थापित किया जाएगा और साथ में और बैंक को गारंटी भी देगी। इसके तहत नवाचार चुनौती कार्यक्रम शुरू किया जाएगा जिसमें चयनित स्टार्टअप्स और नवाचारी को एक करोड़ रुपये की विशेष प्रोत्साहन सहायता दी जाएगी। इससे युवाओं को आसानी से ऋण मिल पायेगा और बैंकों के चक्‍कर नहीं काटना पड़ेंगे। 



2. भारत सरकार की स्टार्टअप रैंकिंग में मध्य प्रदेश को ऊपर लाना 



नई स्टार्टअप पॉलिसी का एक बड़ा फोकस इस बात पर रहेगा की प्रदेश की स्थिति देश के विभिन्न स्टार्टअप्स रैंकिंग रिपोर्ट्स में सुधरे। पता हो कि  मध्य प्रदेश राज्य स्टार्टअप रैंकिंग, 2019 की रिपोर्ट में MP में रेगुलेशंस ईजिनेस, इन्क्यूबेशन सपोर्ट, सीड फंडिंग सपोर्ट एवं वेंचर फंडिंग सपोर्ट 0 प्रतिशत रहा था तो वहीँ DPIIT (डिपार्टमेंट फॉर प्रमोशन ऑफ़ इंडस्ट्री एंड इंटरनल ट्रेड/ उद्योग और आंतरिक व्यापार को बढ़ावा देने के लिए विभाग) स्टेट्स स्टार्टअप रैंकिंग की 2020 की रिपोर्ट में भी मध्य प्रदेश लिस्ट में नीचे लुढ़ककर सबसे नीचे की इमर्जिंग स्टार्टअप ईकोसिस्टम्स की केटेगरी में आ गया था। इसी स्थिति को सुधरने के प्रयास के अंतर्गत ही   पॉजिटिव इंटरवेंशन और अन्य कैटेलिस्ट की मदद से स्टार्टअप इकोसिस्टम का विकास किया जाएगा। स्टार्टअप्स को तकनीकी एवं मार्गदर्शी सहयोग प्रदान करने के लिए उन्‍हें राष्‍ट्रीय एवं राज्‍य स्‍तर के तकनीकी एवं प्रबंधन संस्‍थानों/विश्‍वविद्यालयों एवं अन्‍य अकादमिक संस्‍थानों से आवश्‍यक सहायता दी जायेगी। साथ ही ईज ऑफ डूईंग बिजनेस (EODB) के अंतर्गत स्‍टार्टअप्‍स एवं इन्‍क्‍यूबेटर्स को आवश्‍यक अनुमति के लिए कार्योत्‍तर स्‍वीकृति (Post Facto) की व्‍यवस्‍था की जावेगी। मध्‍यप्रदेश पब्लिक सर्विस गारन्‍टी अधिनियम, 2010 में प्रावधान के अनुसार मान्‍य अनुमोदन (Deemed Approval) भी दिया जाएगा।  



3.महिलाओं के स्टार्ट-अप को एक्स्ट्रा 20% मदद



नई स्टार्टअप पॉलिसी में महिलाओं के स्टार्टअप्स को 20 प्रतिशत की अतिरिक्त सहायता दी जाएगी। इससे महिलाओं में उद्यमिता को बढ़ावा मिलेगा। ऐसे स्टार्टअप्स जिन्हें SEBI (Security and Exchange Board of India)/ RBI द्वारा मान्यता प्राप्त संस्थान ने निवेश मिला हो उनको सरकार 15 लाख रुपए की सहायता देगी।  वहीँ महिला स्टार्टअप ओनर्स को इसमें 20% की अतिरिक्त सहायता मिलेगी।  



4. इंदौर और भोपाल को स्टार्टअप सेंटर बनाया जाएगा



स्टार्टअप्स को फेसिलिटेशन एवं कानूनी सहायता देने के लिये वित्त, विपरण एवं कानूनी विशेषज्ञों की टीम के साथ इंदौर और भोपाल में स्टार्टअप सेण्टर बनाए जाएंगे। ग्लोबल स्टार्टअप्स इंवेस्टर समिट का भी आयोजन भी किया जाएगा। साथ ही वर्ष 2022-23 में मध्यप्रदेश में स्थापित स्टार्टअप्स में से कम से कम दो स्टार्टअप्स को यूनिकार्न स्टार्टअप का दर्जा दिलाने के प्रयास किए जाएंगे



मध्य प्रदेश स्टार्टअप पालिसी के अन्य प्रमुख बिंदु




  • सरकार स्स्टार्टअप्स को अंतराष्‍ट्रीय स्‍तर पर ब्रांडिंग और मार्केटिंग में सपोर्ट करेगी। सरकार द्वारा इनोवेटिव स्टार्टअप्स को इन्वेस्टमेंट सपोर्ट, कार्यक्रम आयोजन में सहायता, लीज रेंट में सहायता, विस्तार के लिए सहायता, एवं पेटेंट्स सहायता आदि सुविधाएँ उपलब्‍ध कराई जायेगी। 


  • प्रोडक्ट-बेस्ड स्टार्टअप्स की संख्या में वृद्धि के लिए के लिए उन्हें विशिष्ट सुविधाएँ, रोजगार सृजन एवं कौशल विकास सहायता, बिजली बिल में छूट एवं दरों में रियायत मिलेगी। 

  • स्टार्टअप इंडिया, इंडियन गवर्नमेंट में रजिस्टर्ड और रेकग्नाइज़्ड स्टार्टअप्स को 100% विकास दर प्राप्प्त करवाएं जाएंगी। एग्रीकल्चर और फ़ूड क्षेत्र में स्टार्टअप इंडिया, इंडियन गवर्नमेंट में रजिस्टर्ड और रेकग्नाइज़्ड स्टार्टअप्स में 200% विकास दर प्राप्त करवाने में मदद करेंगे। 

  • इन्क्यूबेटर्स को सरकार विशेष सुविधाएं देगी। नए इन्क्यूबेशन सेंटर्स बनाना और पुराने इन्क्यूबेशन सेंटर्स की कैपेसिटी में वृद्धि करवाने का प्रयास किया जाएगा।

  • पॉजिटिव इंटरवेंशन और अन्य कैटेलिस्ट की मदद से प्रदेश भर में स्टार्टअप-इकोसिस्टम को बढ़ावा दिया जाएगा।स्कूल/कॉलेज छात्रों में इनोवेशन और स्टार्टअप के लिए इंट्रेस्ट जगाने के लिए स्पेशल कार्यक्रम करें जायेंगें।



  • द सूत्र ने नई स्टार्टअप पालिसी-2022 के बारे में मध्य प्रदेश के उद्योग मंत्री ओमप्रकाश सकलेचा से बात की:




    • स्टार्टअप पालिसी-2022 में 2019 की स्टार्टअप पालिसी से क्या अलग और नया है?




    उद्योग मंत्री ओमप्रकाश सकलेचा: इस नई स्टार्टअप पालिसी में एंट्रेप्रेनरशिप स्किल्स को बढ़ावा देने के लिए जितने संभावित तरीके अपनाए जा सकतें हैं वे सब शामिल हैं। इससे स्टार्टअप ओनर्स इनोवेशन को बढ़ावा देंगे और उनको कार्य करने में कम से कम रुकावटें आएँगी।




    • विगत 6-7 वर्षों में 100 करोड़ के वेंचर कैपिटल फण्ड कई कोशिशों के बाद भी कार्यशील नहीं हो पाया, इस बार क्या लगता है यह स्टार्टअप ओनर्स को मदद पहुँचा पायेगा?




    उद्योग मंत्री ओमप्रकाश सकलेचा: पिछले 2 वर्ष तो कोरोनाकाल होने के कारण इसपर कुछ काम नहीं हो पाया। और उसके पहले की सरकार की कार्यप्रणाली पर मैं कुछ बोलना नहीं चाहुँगा, और उसके पहले के वर्षों में जिस तेज़ी से स्टार्टअप एक्सियतें पर पिक-आप किया जाना चाहिए था वैसे हमारी तैयारी नहीं थी। मई खुद निजी स्टार पर पालिसी के सही संचालन पर ध्यान दूंगा जिससे इसका फायदा सही रूप में स्टार्टअप्स को मिले। अभी 2,000 स्टार्टअप्स काम कर रहे हैं और अब कोशिश करेंगे की पांच गुना ज्यादा यानि 10,000 से ज्यादा स्टार्टअप्स सालाना ग्रो करें। इसके लिए आर्थिक सहायता तो जरुरी हो जाती है जो पूरी कोशिश की जायेगी।


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