Seoni. सिवनी में चीतल के शिकार के बाद 4 शिकारी उसकी खाल उतारकर उसके मांस से दावत उड़ाने की तैयारी कर रहे थे कि तभी वन विभाग की टीम ने उन्हें धर दबोचा। टीम ने मौके से चीतल की खाल, उसका पका हुआ और कच्चा मांस, कुल्हाड़ियां और शिकार में प्रयुक्त सामान जब्त किया है। घटना सिवनी के बहरई वन परिक्षेत्र की है। खास बात यह है कि शिकारियों ने चीतल के शिकार के लिए अपने पालतू कुत्तों की मदद ली। पालतू कुत्तों को शिकारियों ने खास तौर पर शिकार करने के लिए ट्रेंड किया था।
कुत्तों के जरिए लगवाया हांका
वन विभाग के मुताबिक चारों शिकारी अक्सर अपने कुत्तों के जरिए शिकार करते चले आ रहे थे। ये शिकारी पालतू कुत्तों की मदद से जंगली जानवर का हांका लगाते थे और फिर उन्हें घायल हालत में पकड़कर मार देते थे। पूछताछ में शिकारियों ने बतौर शौक शिकार करने की बात कही, हालांकि जब उनसे चीतल की खाल उतारने के संबंध में पूछताछ की गई तो उन्होंने बताया कि इससे भी थोड़ी बहुत कमाई हो जाती।
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दावत की चल रही थी तैयारी
वन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि शिकार चीतल की खाल उतारने के बाद उसका मांस पकाकर दावत उड़ाने की तैयारी में थे। उधर इस बात की सूचना मुखबिर के जरिए वन विभाग को मिल गइ्र। जिसके बाद छापेमार कार्रवाई करते हुए शिकारियों को उनके घरों से पकड़ा गया। टीम ने राजू बबने, तीतेंद्र पवार, संतोष भूरे और दीपक गोंड को गिरफ्तार किया है। वहीं इनके कब्जे से करीब 3 किलो चीतल का पका हुआ और कच्चा मांस, कुल्हाड़ियां और चीतल की खाल बरामद कर ली।
सरपंच को दिया कार्रवाई का श्रेय
वन विभाग की टीम ने इन शिकारियों को पकड़ने में सफलता हाथ लगने पर दौंदीवाड़ा क्षेत्र के सरपंच को श्रेय दिया है। सरपंच के अलावा सुरक्षा श्रमिकों को भी वन विभाग ने शिकार की सूचना देने श्रेय दिया है। बता दें कि पकड़े गए चारों शिकारी दौंदीवाड़ा गांव के ही निवासी हैं। शिकार के बाद जब ये लोग जंगल से गांव लौटे तो लोगों ने इनके पास चीतल की खाल और मांस देख लिया था। जिसके बाद वन विभाग को सूचना दे दी गई।