देव श्रीमाली, GWALIOR. लंबे अरसे से ग्वालियर ड्रग तस्करी का अड्डा बनता जा रहा है, लेकिन 20 फरवरी, सोमवार को इसमें एक चौंकाने वाला एंगल सामने आया। पता चला कि गैरकानूनी कारोबार में पुलिस के लोग ही हैंडलर की तरह काम कर रहे हैं। पुलिस ने बीती रात दो तस्करों को दबोचा था। पूछताछ शुरू करते ही पुलिस अधिकारी चौंक पड़े, क्योंकि गांजे के साथ जिन लोगों को पकड़ा, उनमें से एक ग्वालियर पुलिस का आरक्षक है। पुलिस आरोपी से पूछताछ में जुटी है।
15 किलो गांजा जब्त
एएसपी राजेश दंडोतिया ने बताया कि ग्वालियर में मादक पदार्थों के खिलाफ चल रहे अभियान में सक्रिय मुखबिर ने सूचना दी थी कि सिंध नदी के पुल से एक बोलेरो गाड़ी गुजरेगी, जिसमें गांजे का जखीरा है। इस सूचना पर पुलिस और क्राइम ब्रांच की टीम ने नदी पुल के आसपास घेराबंदी की। इस दौरान दतिया की तरफ से एक बोलेरो गाड़ी MP04 CM 6151 आती हुई दिखाई दी। पुल पर लगी टीम ने इसे रोका तो चालक ने रोकने की जगह इसे भगाने की कोशिश की, लेकिन पुलिस ने घेरकर उसे रोक लिया और उसमें सवार दोनों लोगों को अपने कब्जे में ले लिया। पुलिस टीम ने जब गाड़ी की तलाशी ली तो उसमें 15 किलो गांजा मिला इसकी कीमत लाखों में बताई गई है।
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पुलिस आरक्षक निकला आरोपी
पुलिस ने जब डबरा थानेलाए गए आरोपियों से पूछताछ की तो वह चौंक पड़ी। पकड़े गए आरोपियों ने अपने नाम आकाश धाकड़ और दीप सिंह बताए। आकाश ने बताया कि मैं एमपी पुलिस में आरक्षक हूं और वर्तमान में ग्वालियर के विश्वविद्यालय थाने में आरक्षक के पद पर पदस्थ हूं। अभी छुट्टी पर है। अब पुलिस पता कर रही है कि आरक्षक कब से ड्रग तस्करी में लगा है। उधर पुलिस ने आरोपियों को एनडीपीएस कोर्ट में पेश किया, जहां से उन्हें 6 मार्च तक के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।
पकड़ा गया आरक्षक सस्पेंड
पुलिस अधीक्षक आमित सांघी ने कहा कि डबरा में क्राइम ब्रांच की कार्रवाई में गांजे के साथ जो पुलिस आरक्षक पकड़ा गया है, उसे तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। उसके खिलाफ विभागीय कार्यवाही भी शुरू कर दी गई है।