Jabalpur. जबलपुर में जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय के पास स्थित उर्दना नाले पर बनी पुलिया भारी वाहनों का बोझ नहीं सह सकी और भरभरा गई। जिससे दोनों तरफ लंबा जाम लग गया। प्रशासन ने वैकल्पिक मार्ग के लिए जेएनकेविवि से बात करके रास्ता उपलब्ध कराया है। हालांकि भारी वाहनों के लिए बायपास का विकल्प भी मौजूद है। लेकिन जानकारी के अभाव में इस रास्ते से गुजरने वालों को काफी तकलीफ उठानी पड़ी। बता दें कि यह पुलिया ब्रिटिश कालीन थी जिसने जवाब दे दिया, अब यहां नए सिरे से ब्रिज का निर्माण होगा।
कई मर्तबा लगा जाम
महाराजपुर अधारताल मार्ग पर सिहोरा, पनागर, गोसलपुर, सुहागी की ओर से आने वाले वाहनों का काफी दबाव रहता है। उर्दना नाले की पुलिया भरभराने से कई बार जाम की स्थिति बनी। दोपहर के वक्त एक एंबुलेंस भी जाम में फंस गई। किसी तरह एंबुलेंस को जाम से निकवाया जा सका।
45 दिन तक बंद रहेगा आवागमन
महाराजपुर-अधारताल मार्ग से आवाजाही के लिए कृषि विश्वविद्यालय से होकर डायवर्सन दिया गया है। स्मार्ट सिटभ् की टीम हफ्ते भर में आवाजाही के लिए छोटा डायवर्सन मार्ग तैयार करेगी। इसके लिए 21 मीटर चौड़े माइनर ब्रिज का निर्माण किया जाएगा। हालांकि इस काम में कम से कम 45 दिन का वक्त तो लगेगा।
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ब्रिज निर्माण तक बायपास भी विकल्प
जब तक ब्रिज निर्माण नहीं हो जाता जेएनकेविवि के डायवर्सन और बायपास का ही सहारा लोगों को है। स्मार्ट सिटी की सीईओ निधि सिंह राजपूत ने बताया कि नए माइनर ब्रिज का निर्माण तेजी से कराया जाएगा। उम्मीद की जा रही है कि 45 दिन में ब्रिज बनकर तैयार हो जाएगा।
भारी वाहनों के चलते धंसी थी मिट्टी
अधिकारियों के मुताबिक सोमवार को एक भारी वाहन के तेज गति से निकलने की वजह से पुलिया के दांयी ओर मिट्टी धंस गई थी। जिसके बाद धीरे-धीरे पुलिया धसकने लगी और खतरे का अंदेशा देखते हुए पुलिया को बंद करा दिया गया।