ग्वालियर जीवाजी क्लब में पुलिस छापे से व्यापारिक जगत में हड़कंप, सबकी जुबां पर एक ही सवाल, आखिर किसके इशारे पर घुसी पुलिस

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Vivek Sharma
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ग्वालियर जीवाजी क्लब में पुलिस छापे से व्यापारिक जगत में हड़कंप, सबकी जुबां पर एक ही सवाल, आखिर किसके इशारे पर घुसी पुलिस

देव श्रीमाली, GWALIOR. देश के सबसे प्रतिष्ठित और पुराने क्लबों में शुमार जीवाजी क्लब में बीती रात पुलिस द्वारा डाली गई रेड और वहां से जुआरियों की गिरफ्तारी से अंचल के नव धनाढ्य और व्यवसायी वर्ग हतप्रभ है। अभिजात्य वर्ग के माने जाने वाले इस क्लब में पहली बार पुलिस ने इस तरह की छापामारी की है जिसमें गिरफ्तारियां भी की गईं। अब चर्चा का विषय सिर्फ ये है कि यह कार्रवाई किसके इशारे पर की गई ? और इसकी वजह क्या है?



अभी सिंधिया समर्थक का है कब्जा



जीवाजी क्लब पर वर्षों तक सिंधिया राज परिवार से जुड़े समर्थकों का ही कब्जा रहता आया है लेकिन बीच के दो दशक में इस पर बीजेपी के लोग काबिज हो गए। गृहमंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा के समर्थक राजू कुकरेजा का यहां एकछत्र राज रहा लेकिन पिछले चुनाव में अध्यक्ष पद पर संग्राम कदम अध्यक्ष बन गए । कुछ लोग इस छापे को इस उठापटक से जोड़कर भी देख रहे हैं।



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क्लब में पुलिस एंट्री की किसी को नहीं थी जानकारी



जीवाजी क्लब में पुलिस की एंट्री होगी या बात की आशंका भी किसी को नही थी । इसकी वजह यह थी कि एक तो इस पर सिन्धिया परिवार की छत्रछाया रहती है। स्वयं ज्योतिरादित्य सिंधिया ही नहीं बल्कि उनके युवराज महान आर्यमान सिन्धिया भी विभिन्न कार्यक्रमों के बहाने इसमें जाते रहते हैं । इसके अलावा बड़े आईएएस,आईपीएस के परिवार भी आते रहते हैं । यहां व्यापारी इनसे मित्रता बढ़ाकर अपने काम भी निकलवाते है। पुलिस और असमाजिक तत्वों के प्रकोप से बचाने के लिए क्लब के कर्ताधर्ताओं ने सुरक्षा कवच के रूप में यह व्यावस्था कर रखी थी कि क्लब में एक चेयरमेन का पद सृजित कर रखा था जिस पर संभाग में पदस्थ सीनियर आईपीएस या आईएएस को बिठा देते थे। वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी प्रशांत मेहता और वरिष्ठ पुलिस अधिकारी एन के त्रिपाठी और स्व राम लाल वर्मा वर्षों तक इन पदों पर काबिज रहे। 



कमरे में खेल रहे थे जुआ



थाना झांसी रोड के टीआई संजीव नयन शर्मा ने बताया कि पुलिस को सूचना मिली थी कि जीवाजी क्लब में जुआ खेला जा रहा है । इसके बाद मुखबिर की सूचना पर पुलिस और क्राइम ब्रांच की साझा टीम ने क्लब के रूम नम्बर 4 में छापा डाला । कमरे में ग्यारह लोग ताश के साथ हार जीत का दांव लगाते हुए जुआ खेल रहे थे। पुलिस टीम ने सबको दबोच लिया।



11 धनाढ्य पकड़े



पुलिस के अनुसार यहां 11 जुआरी पकड़े गए  थे। इनमे ज्यादातर धनाढ्य लोग हैं। इनमे बीजेपी से जुड़े एक नेता का भाई शामिल है। पुलिस ने इनके कब्जे से ताश की गड्डी और तीन लाख रुपए से ज्यादा नकदी बरामद की। पुलिस सभी को लेकर झांसी रोड थाने ले गई। 



पुलिस के पास पहुंचे नेताओं के फोन



पुलिस की इस कार्रवाई से पूरे शहर में हड़कम्प मच गया । पकड़े गए लोगों में दाल बाजार, सराफा बाजार ,लोहिया बाजार के व्यापारी और उनके लड़के आदि थे । इनके परिजनों ने नेताओं से संपर्क किया। नेता थाने और अन्य पुलिस अफसरों को फोन लगाते रहे लेकिन पुलिस ने तब तक कॉल रिसीब नहीं किया जब तक कायमी और बरामदगी की कार्यवाही पूरी नही कर ली। सूत्रों का कहना है कि बाद में एक ताकतवर मंत्री ने फोन किया तो पुलिस ने सबको जमानत पर रिहा कर दिया।



क्या चेम्बर के पदाधिकारियों ने ही रेड करवाई



उधर एक चर्चा ये भी कि क्लब में पुलिस बुलाने के पीछे चेम्बर के पदाधिकारियों का ही हाथ है । इस समय क्लब में असमाजिक तत्वों का आनाजाना है जो लड़ते झगड़ते हैं जिससे क्लब के सदस्यों ने सपरिवार तो वहां जाना ही छोड़ दिया है । क्लब में कार्ड हाउस है जहां ताश खेलने की व्यवस्था है हालांकि होता तो वहां भी जुआ ही है लेकिन कुछ बाहुबली जबरन कमरों का ताला खुलवाकर उनमें जुआ खिलवाते है जिससे पदाधिकारी भी परेशान हैं । उन्होंने ही खबर करके पुलिस को बुलवाकर यह छापा डलवाया।



पकड़े गए सदस्य का करेंगे निष्कासन



क्लब के लोग हालांकि कैमरे के सामने कुछ भी बोलने से बच रहे है लेकिन उनका कहना है कि पकड़े गए 11 जुआरियों में से दस तो क्लब के सदस्य ही नहीं है। एक ही क्लब के सदस्य हैं जिसने यह रूम बुक कराया था। उसकी सदस्यता के निलंबन की कार्रवाई की जा रही है।


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