Amritsar. वारिस पंजाब दे के समर्थकों द्वारा अमृतसर में गुरूवार को थाने में किए गए उपद्रव के बाद दबाव में आई पुलिस ने आखिरकार लवप्रीत तूफान को रिहा कर दिया है। तूफान खालिस्तानी समर्थक अमृतपाल का करीबी है। जेल से रिहा होते ही तूफान ने कहा कि उसे झूठे केस में फंसाया गया था। उसने कहा कि यहां से जाकर सीधे हरमिंदर साहब में मत्था टेकेगा। तूफान के रिहा होते ही अमृतपाल ने उसे सरोपा पहनाया और गले लगाया। तूफान ने सबसे पहले सिख समाज का शुक्रिया अदा किया और फिर पुलिस के उन अधिकारियों को भी धन्यवाद दिया जिन्होंने उसे जेल में अच्छा बर्ताव किया।
मतलब नहीं जानता कोई
जेल से रिहा हुए तूफान ने कहा कि खालिस्तान का असली मतलब कोई नहीं जानता, कोई मुझे आतंकी कहता है तो कोई अलगाववादी। तूफान ने कहा कि हम अलग राज्य की मांग कर रहे हैं क्योंकि हम गुलामी की भावना के तहत जीने को मजबूर हैं। हमें कोई आजादी नहीं है। हमारा मकसद नौजवानों को नशे की लत से दूर रखना भी है।
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निष्पक्ष जांच का दिया है आश्वासन-डीजीपी
उधर पंजाब के डीजीपी गौरव यादव ने कहा कि हमने निष्पक्ष जांच का भरोसा दिलाया है। साथ ही शांतिपूर्वक प्रदर्शन करने की अनुमति दी गई थी लेकिन प्रदर्शनकारियों के बवाल के चलते पुलिस को सख्ती दिखानी पड़ी। उपद्रव के दौरान पुलिस पर हमला करने को डीजीपी ने कायराना हरकत करार दिया है। वहीं प्रदर्शन के दौरान हथियारों के प्रयोग पर उन्होंने कहा कि हम प्रदर्शनकारियों की पहचान कर रहे हैं, उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
क्यों नहीं कर सकते खालिस्तान की मांग
उधर वारिद पंजाब दे के प्रमुख अमृतपाल सिंह ने एक बार फिर आग उगली है। उसने कहा कि हम खालिस्तान मामले को शांतिपूर्वक ढंग से बढ़ा रहे हैं। जब लोग हिंदू राष्ट्र की मांग कर सकते हैं तो हम खालिस्तान की मांग क्यों नहीं कर सकते। अमृतपाल ने यह भी कहा कि दिवंगत प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को खालिस्तान का विरोध करने की कीमत चुकानी पड़ी थी। अमृतपाल ने आगे यह भी कहा कि हमें कोई नहीं रोक सकता, चाहे वो पीएम हो या फिर अमित शाह या भगवंत मान। इससे पहले सिंह ने गृहमंत्री अमित शाह को भी खाजियाजा भुगतने की धमकी दी थी।