योगेश राठौर, INDORE. न्यू पलासिया निवासी दीपक मद्दा को पुलिस ने 2 मार्च, गुरुवार को मेडिकल कराकर जेल भेज दिया है। पुलिस ने यह कार्रवाई रासुका के मामले में की है। इसके अलावा आरोपी ने कई मामलों में अग्रिम जमानत करवा ली थी। दीपक के खिलाफ 8 दिसंबर को खजराना थाने में धोखाधड़ी का प्रकरण दर्ज किया था। डीसीपी जोन-2 संपत उपाध्याय ने इसकी रिपोर्ट बनाई थी। उसमें दीपक द्वारा बनाए रासुका को लेकर फर्जी पत्र का खुलासा हुआ था।
मद्दा ने पुलिसकर्मियों को दिया था प्रलोभन
पुलिस ने प्रकरण दर्ज कर मद्दा की तलाश की, लेकिन वह फरार हो गया था। 28 फरवरी, मंगलवार को आरोपित की दिल्ली में लोकेशन मिली और आनन फानन में टीमें रवाना की गई। 29 फरवरी, बुधवार को उसे मथुरा-वृंदावन के पास से पकड़ लिया। इस दौरान मद्दा ने पुलिसकर्मियों को छोड़ने के लिए प्रलोभन भी दिया, लेकिन डीसीपी (अपराध) निमिष अग्रवाल ने उसका फोन जब्त करवा दिया।
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आरोपी के मददगार भी अपराधी की श्रेणी में आएंगे
डीसीपी निमिष अग्रवाल के मुताबिक, मद्दा के विरुद्ध दर्ज कुछ अपराधों में जमानत हो चुकी और कुछ में गिरफ्तारी पर रोक है, लेकिन रासुका का वारंट अभी तक सक्रिय है। फिलहाल उसे रासुका के तहत ही गिरफ्तार किया गया है। उन्होंने बताया कि हमें मुखबिर से सूचना मिली थी कि एक भूमाफिया दिलीप नाम से अपनी आइडेंटिटी को छुपाते हुए घूम रहा है। इसके बाद मथुरा के पास से इसे पकड़ा गया है। इस पर एनएसए का एक वारंट पेंडिंग चल रहा था। इस पर भूमाफिया संबंधित, जो अपराध है वो भी पंजीबद्ध है। उस पर भी इन्वेस्टिगेशन चल रहा है। वर्तमान में एनएसए का वारंट पेंडिंग था, जिस पर कार्यवाही की गई है। उन्होंने बताया कि गिरफ्तारी के बाद उससे पूछताछ की जा रही है। अन्य अपराधों की जानकारी भी निकाली जा रही है। इसने रासुका को लेकर कार्यवाही का लेटर भी लगाया था, जो जांच के बाद फर्जी पाया गया था। इस पर भी इंवेस्टिगेशन चल रही है। फरारी के दौरान, जिसने भी आरोपी की मदद की है वो भी अपराधी की श्रेणी में आते हैं और ऐसे लोगो पर भी कार्यवाही की जाएगी।