Damoh. पुलिस की सक्रियता से दमोह में एक बालिका वधु का विवाह रुकवाया गया है। नाबालिग का मामा अपनी भांजी का विवाह करवा रहा था। महिला बाल विकास विभाग के द्वारा लगातार बाल विवाह रोकने प्रयास किए जाते हैं इसके बाद भी ग्रामीण अंचलों में चोरी छिपे बाल विवाह कर दिए जाते हैं। इसी तरह का एक बाल विवाह देहात थाना क्षेत्र के बांसा गांव में हो रहा था और नाबालिग लड़की के मामा के द्वारा यह विवाह किया जा रहा था। जिसकी सूचना मिलने पर पुलिस और चाइल्ड लाइन की टीम मौके पर पहुंची और यह विवाह रूकवाया साथ ही परिजनों को बेटी के बालिग होने के बाद ही विवाह करने के लिए कहा।
विदिशा से आई थी बारात
बता दें कि सागर नाका चौकी क्षेत्र अंतर्गत आने वाले बांसा गांव में एक नाबालिग किशोरी का विवाह विदिशा जिले में तय हुआ था जिसकी बारात शुक्रवार को आनी थी। किशोरी अपने ननिहाल में मामा के यहां रहती है और उसके पिता विदिशा जिले के एक गांव में रहते हैं जहां से यह बारात आनी थी। लड़की के पिता के अत्यधिक शराब पीने के कारण वह अपने मामा के यहां रहती है और मामा के द्वारा ही विदिशा जिले में यह विवाह तय किया था। नाबालिग की आयु 18 वर्ष से कम थी और जिस लड़के से विवाह हो रहा था वह 21 वर्ष का था। इस विवाह की जानकारी गांव की आंगनबाड़ी कार्यकर्ता को लगी तो उसने महिला बाल विकास विभाग को सूचित किया और उसके बाद सागर नाका चौकी
पुलिस को जानकारी दी।
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बालिग होने का नहीं दे पाए प्रमाण
पुलिस जब मौके पर पहुंची तो लड़की की परिजन उसके बालिग होने का कोई दस्तावेज पेश नहीं कर पाए। जिसके बाद पुलिस ने यह विवाह रुकवा दिया। पुलिस और चाइल्ड लाइन के द्वारा समझाइश दी गई कि नाबालिग बेटी का विवाह करना अपराध है इसलिए जब बेटी बालिग हो जाए तब आप विवाह कीजिए। परिजन इस बात से सहमत हो गए और उन्होंने विवाह रोक दिया और बालिग होने पर ही विवाह करने की बात कही। सागर नाका चौकी प्रभारी गरिमा मिश्रा ने बताया कि नाबालिग का पिता विदिशा में रहता है पिता के अधिक शराब पीने के कारण बेटी अपने मामा के यहां रहने लगी थी और मामा के द्वारा ही यह रिश्ता तय किया गया था। सोमवार को बारात आने के पहले मौके पर पहुंचकर परिजनों को समझाया और विवाह को रूकवाया गया।