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संजय गुप्ता, INDORE. इंदौर के सेंट्रल कोतवाली थाने के टीआई मनोज मेहरा सहित अन्य पुलिसकर्मियों पर महिला के साथ मारपीट करने और सूदखोरों के साथ सांठगांठ कर मकान खाली कराने के आरोप लगे हैं। इसे लेकर पुलिस कमिश्नर मकरंद देउस्कर के साथ ही मानव अधिकार आयोग और सीएम के पास भी शिकायत हुई है।
पुलिसकर्मी ने महिला को बाल पकड़कर खींचा
कमिश्नर मकरंद देउस्कर और मानव अधिकार आयोग को सेन्ट्रल कोतवाली टीआई मनोज मेहरा, आरक्षक राहुल भदौरिया, आरक्षक राहुल पटेल, हेड कॉन्स्टेबल प्रकाश और एक अन्य पुलिसकर्मी सहित करीब 5 लोगों की शिकायत की गई है। शिकायत में है कि 1 मई को नॉर्थ तोड़ा में पीड़ित महिला के मकान में घुसकर पुलिसकर्मियों ने प्लास्टिक के डंडे से बुरी तरह से मारपीट की। इस दौरान आरक्षक राहुल भदौरिया ने महिला को बाल पकड़कर घसीटा। पुलिस ने पीड़ित महिला और परिवार की अन्य महिलाओं पर ही केस दर्ज लिया। जब उन्हें कोर्ट में पेश किया गया तो जज ने चोट के निशान देखकर मेडिकल कराने के आदेश दिए। बाद में हालत बिगड़ने पर पीड़ित महिला और उसकी बहन को अरविंदो अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
सूदखोरों से कोरोना काल में लिया था कर्ज
पीड़ित महिला ने अपनी शिकायत में बताया कि उसने नॉर्थ तोड़ा में एक मकान 2018 में कौशल्या बाई से खरीदा था। जिसकी नोटरी करवाई थी। कोराना में लॉकडाउन के समय लखन उर्फ कचरा और आंनद वर्मा सहित अन्य लोगों से करीब 3 लाख रुपए 6 प्रतिशत ब्याज पर लिए थे। इसके बदले मकान के दस्तावेज गिरवी रखे थे। बाद में ब्याज पर रुपए देने वालों ने इसी मकान का बिक्री पत्र साइन करवा लिया। सूद समेत पूरी रकम लौटाने के बाद भी सूदखोरों द्वारा मकान खाली करने को लेकर दबाव बनाया जा रहा था। 1 मई को सूदखोरों ने पुलिस से साठगांठ कर घर के बाहर सामान निकालकर फेंक दिया। महिलाएं विरोध करने लगी तो टीआई मनोज मेहरा और सिपाही राहुल भदौरिया के साथ अन्य लोगों ने प्लास्टिक के डंडों से बुरी तरह से मारपीट की। झूठे केस लगाने की धमकी भी दी।
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मार्च से पुलिस के चक्कर काट रही पीड़ित महिला
पीड़ित महिला ने अपनी शिकायत में कहा कि उन्होंने आरोपियों को लेकर 17 मार्च, 19 मार्च और 19 अप्रैल को कमिश्नर और डीसीपी को आवेदन दिए थे, लेकिन पुलिस ने इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं की। उधर इस मामले में सेन्ट्रल कोतवाली टीआई मनोज मेहरा ने मीडिया से कहा कि पीड़ित ने मकान महेश मकवानी को बेच दिया था। मकवानी ने उक्त मकान गोपी को बेच दिया था। महिलाओं ने इस मामले में 3 अप्रैल को गोपी का सामान फेंककर मकान पर कब्जा कर लिया था। जिसमें कोतवाली पुलिस ने केस दर्ज किया था। पुलिस मकान पर कब्जा खाली कराने पहुंची थी। टीआई के मुताबिक आरोप लगाने वाली महिलाओं पर पहले से 1-2 अपराध दर्ज हैं। वहीं उसके बेटे पर भी 7 से ज्यादा अपराध दर्ज हैं। महिलाएं फर्जी शिकायतें कर रही हैं। वे कभी मकान के दस्तावेज पेश ही नहीं कर पाई। गोपी ने भी वरिष्ठ अफसरों से शिकायत की थी।