वो बेटे-बेटियां जिन्होंने माता-पिता की पार्टी को नकारा, पारिवारिक विचारधारा से अलग हटकर चुनी राजनीतिक पार्टियां

author-image
The Sootr
एडिट
New Update
वो बेटे-बेटियां जिन्होंने माता-पिता की पार्टी को नकारा, पारिवारिक विचारधारा से अलग हटकर चुनी राजनीतिक पार्टियां

BHOPAL. कांग्रेस के दिग्गज नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री एके एंटनी के बेटे ने आखिरकार बीजेपी का दामन थाम लिया है। बीजेपी में उनका जाना जनवरी में ही तय हो गया था जब उन्होंने कांग्रेस से इस्तीफा दिया था। हालांकि एके एंटनी ने अपने बेटे अनिल एंटनी के बीजेपी में शामिल होने के फैसले को गलत बताया हैं। लेकिन आपको बता दें कि भारतीय राजनीति में यह पहला मामला नहीं है जब कोई पिता-पुत्र अलग-अलग राजनीतिक दलों में हों। देश में ऐसे कई उदाहरण हैं। ऐसी कई राजनीतिक परिवार हैं, जहां एक ही परिवार के सदस्य अपनी-अपनी सियासत अलग-अलग दल के साथ कर रहे हैं। हम आपको बताने जा रहे हैं ऐसे ही कुछ खास परिवारों के बारे में जहां पिता और बेटा-बेटी ने अलग अलग दलों का दामन थाम राजनीति की।



राजमाता विजयाराजे सिंधिया और माधवराव सिंधिया



जनसंघ की संस्थापक सदस्यों में गिनी जाने वाली सिंधिया राजघराने की राजमाता विजयाराजे सिंधिया ने जहां कांग्रेस की राजनीतिक विरोधी जनसंघ की स्थापना में महत्ती भूमिका निभाई वहीं, उनके बेटे माधवराव सिंधिया कांग्रेस के दिग्गज नेता कहलाए। कई मौकों पर तो मां और बेटे के बीच राजनीतिक विचारधारा की लड़ाई खुलकर सामने भी आई। लेकिन महल का दखल चुनावी अखाड़ों में कम नहीं हुआ यहां तक की अटल बिहारी वाजपेयी को भी चुनाव में 'महल' के सामने हार का मुंह देखना पड़ा था। माधवराव की बहनें वसुंधरा राजे, यशोधरा भी अपने मां के नक्शे कदम पर चलीं और आज बीजेपी की दिग्गज नेताओं में शामिल हैं। हालांकि साल 2020 में कमलनाथ सरकार गिराने के बाद माधवराव के बेटे ज्योतिरादित्य सिंधिया भी दादी की स्थापित की गई विचारधारा में शामिल हो गए।



यशवंत सिन्हा और जयंत सिन्हा 



झारखंड की सियासत के दिग्गज नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा और उनके बेटे जयंत सिन्हा अलग-अलग पार्टी में है। यशवंत सिन्हा बीजेपी छोड़कर ममता बनर्जी की टीएमसी का दामन थाम लिया था और राष्ट्रपति के चुनाव में विपक्षी दल की तरफ से उम्मीदवार थे जबकि जयंत सिन्हा बीजेपी से सांसद हैं और मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में केंद्रीय मंत्री भी रह चुके हैं। इन दोनों पिता पुत्र का राजनीतिक पार्टी भले अलग-अलग हैं लेकिन इन दोनों ने कभी एक-दूसरे के खिलाफ किसी तरह का व्यक्तव्य नहीं दिया।



स्वामी प्रसाद मौर्य और संघमित्रा मौर्य



उत्तर प्रदेश में स्वामी प्रसाद मौर्य और उनके बेटी संघमित्रा मौर्या अलग-अलग राजनीतिक दल के साथ हैं। स्वामी प्रसाद मौर्य सपा के राष्ट्रीय महासचिव हैं तो बेटी संघमित्रा मौर्य बीजेपी से सांसद हैं। पिता समाजवादी विचारधारा की पैरोकारी कर रहे हैं तो बेटी राष्ट्रवादी और हिंदुत्व की विचारधारा के साथ खड़ी नजर आ रही है।



रीता बहुगुणा जोशी और मयंक जोशी



प्रयागराज से बीजेपी की सांसद रीता बहुगुणा जोशी और उनके बेटे मयंक जोशी अलग-अलग राजनीतिक पार्टियों के साथ हैं। रीता बहुगुणा जोशी बीजेपी के साथ हैं तो मयंक जोशी समाजवादी पार्टी के साथ हैं। हालांकि, पहले पिता-पुत्र एक साथ बीजेपी में थे, लेकिन 2017 में मयंक जोशी को टिकट नहीं मिला तो नाराजगी जाहिर करते हुए आजमगढ़ में अखिलेश यादव की रैली में सपा से हाथ मिला लिया।



अनुप्रिया पटेल और कृष्णा पटेल-पल्लवी पटेल



केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल और उनकी मां कृष्णा पटेल और बहन पल्लवी पटेल अलग-अलग पार्टी में है। अनुप्रिया पटेल और उनके पति आशीष पटेल अपना दल (एस) में हैं जबकि कृष्णा पटेल अपना दल कमेरावादी की अध्यक्ष हैं तो पल्लवी पटेल सपा से विधायक हैं। कृष्णा पटेल और पल्लवी पटेल एक साथ हैं तो अनुप्रिया और आशीष एक खेमे में है। 



केसी त्यागी और अमरीश त्यागी



जेडीयू के दिग्गज नेता और पूर्व राज्यसभा सदस्य केसी त्यागी और उनके बेटे अमरीश त्यागी अलग-अलग राजनीतिक पार्टी के साथ हैं। केसी त्यागी मौजूदा समय में नीतीश कुमार के साथ हैं और जेडीयू में हैं तो अमरीश त्यागी बीजेपी के साथ हैं।



उत्तरप्रदेश के राकेश पांडेय और रीतेश पांडेय 



उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल क्षेत्र से आने वाले दिग्गज नेता राकेश पांडेय और उनके बेटे रीतेश पांडेय अलग-अलग पार्टी के साथ हैं। राकेश पांडेय अंबेडकरनगर की जलालपुर सीट से सपा के विधायक हैं जबकि रीतेश पांडेय अंबेडकरनगर सीट से बसपा के सांसद हैं। हालांकि, एक समय पिता-पुत्र दोनों ही बसपा में थे, लेकिन 2017 विधानसभा चुनाव से पहले राकेश पांडेय ने सपा में शामिल हो गए हैं।



यूपी के पूर्वांचल का अंसारी परिवार



उत्तर प्रदेश का 'अंसारी परिवार' पूर्वांचल की सियासत में एक बड़ा राजनीतिक घराना है, जो तीन पार्टियों के बीच बंटा हुआ है। बाहुबली मुख्तार अंसारी के बेटे अब्बास अंसारी सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी से विधायक हैं। मुख्तार के भाई अफजल अंसारी बसपा से विधायक हैं, जबकि उनके बड़े भाई सिगबतुल्लाह अंसारी और भतीजे सुहैब अंसारी उर्फ मन्नू अंसारी सपा में है, मन्नु अंसारी सपा से विधायक हैं।


Congress and BJP कांग्रेस और बीजेपी Madhavrao Scindia माधवराव सिंधिया Rajamata Vijayaraje Scindia Yashwant Sinha Swami Prasad Maurya राजामाता विजयाराजे सिंधिया यशवंत सिन्हा स्वामी प्रसाद मौर्या