देव श्रीमाली,GWALIOR. ब्राह्मणों और कथावाचकों के खिलाफ आपत्तिजनक भाषण देने के बाद बीजेपी से निकाले गए ओबीसी नेता और पूर्व सीएम उमा भारती के कट्टर समर्थक प्रीतम लोधी की फिर से बीजेपी में वापसी तय हो गई है। लोधी लगातार बीजेपी के खिलाफ मोर्चा खोलकर पिछड़ों को लामबंद करके पार्टी को मुसीबत में डालने में लगे हैं इससे पार्टी परेशान है। कांग्रेस इसे बीजेपी के भय का परिचायक बता रही है वहीं बीजेपी बचाव की मुद्रा में हैं।
प्रीतम ने माना सिंधिया-शिवराज से हुई मुलाकात
प्रीतम लोधी में स्वीकार किया कि उनकी सीएम शिवराज सिंह और केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया से मुलाकात हो चुकी है। उन्होंने बताया कि बीजेपी के वरिष्ठ नेतागणों और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया से मेरी मुलाकात हुई है। उनसे बातचीत हुई। उन्होंने आग्रह किया पार्टी में आने का तो मैंने उन्हें एक ही जवाब दिया है कि प्रीतम अपनी मर्जी का मालिक नहीं है। अगर मुझे लाना है तो पिछोर की जनता से लेना होगा जिसने हर समय मेरा साथ दिया है। पिछोर की जनता तय करेगी उसे मैं स्वीकार करूंगा अगर वहां की जनता मना करेगी तो मैं नही जाऊंगा।
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सभा मे हो सकती है घोषणा
आगामी तीन मार्च को शिवपुरी के पिछोर में बीजेपी एक बड़ी सभा करने जा रही है इसमें सीएम शिवराज सिंह चौहान और केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के आने का कार्यक्रम है। पर्दे के पीछे इस रैली की तैयारी लोधी समर्थक ही कर रहे हैं ।
हार से डरी हुई है बीजेपी: कांग्रेस
कांग्रेस के प्रवक्ता आरपी सिंह का कहना है कि आगामी चुनावों में बीजेपी की संभावित हार ने उसे इस कदर डरा दिया है कि उसके नेता अपनी और पार्टी के मान सम्मान की चिंता भूलकर इन्हें गरियाने वाले को भी गले लगाने को तैयार हो रही है। प्रीतम लोधी का निष्काषन यदि ब्राह्मणों को खुश करने के लिये किया गया तो क्या उनकी वापिसी के बाद ब्राह्मण चुप बैठेंगे। सिंह ने कहा कि इससे बीजेपी के अनुशासन और कैडर के दम्भ की भी पोल खुल गई।
अपनों को जोड़ने की कवायद: बीजेपी
उधर बीजेपी इस मामले में बचाव की मुद्रा में है क्योंकि निष्कासन के बाद से लोधी के खिलाफ पूरी बीजेपी आक्रामक थी। एक तरफ लोधी जगह-जगह ओबीसी की रैलियां करके कानून तोड़ रहे थे वहीं अनेक थानों में उनके खिलाफ एफआईआर भी की गई है। लेकिन उनके कार्यक्रमों में बढ़ती भीड़ से भयभीत बीजेपी के नेता उनकी वापसी में जुट गए हैं। उमा भारती भी इस वापसी का दबाव बना रही थी, इसके चलते इसकी पटकथा लिखी गई।