UJJAIN. मध्यप्रदेश उज्जैन के महाकाल लोक में तेज आंधी के कारण गिरी मूर्तियों के बाद प्रदेश की राजनीति तेज हो गई है। मामले में विपक्षी दल शिवराज सरकार को घेरने में जुट गया है। भ्रष्टाचार के मुद्दे पर घेरने के लिए अब कांग्रेस प्रवक्ताओं का एक दल उज्जैन आ गया है। वे महाकाल लोक में हुई गड़बड़ी की शिकायत नंदी बाबा और भगवान महाकाल से करेंगे और नंदी के कान में भ्रष्टाचार गाथा कहेंगे।
भगवान महाकाल समस्त हिंदू समाज की आस्था का केंद्र हैं। जिस तरह से महाकाल लोक में सप्त ऋषि की मूर्तियां गिरी और अब अन्य देव प्रतिमाओं को नुकसान पहुंचने के समाचार भी सामने आ रहे हैं, वैसे में शिवराज सरकार का रवैया पूरी तरह मामले की लीपापोती करने का नजर आ रहा है।
मामले की स्वतंत्र और…
— Kamal Nath (@OfficeOfKNath) June 1, 2023
कमलनाथ ने की थी मूर्ति की जांच
मध्य प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ के निर्देश पर बनाए गई 7 सदस्यीय दल 31 मई को ही उज्जैन महाकाल महालोक पहुंचकर तकनीकी विशेषज्ञों के साथ मूर्तियों की जांच की थी। कांग्रेस के जांच दल में शामिल पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा के मुताबिक महाकाल लोक में लगाई गई प्रतिमाओं में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार किया गया है। कांग्रेस ने कहा है कि मामा के झूठ का पर्दाफाश हो गया है। ये लोग भगवान को धोखा देते हैं तो इंसान को क्या छोड़ेंगे। सप्तऋषि की मूर्तियां टूट गईं। अब नंदीजी के कान में जाकर प्रार्थना करेंगे कि जो अहंकारी सरकार है उनका घमंड चूर करें। आज जनता की सुनवाई नहीं हो रही। विपक्ष की सुनवाई नहीं हो रही। यह लोग अपनी मनमानी कर रहे है। इस वजह से भोपाल से कांग्रेस प्रवक्ताओं का दल महाकाल से निवेदन करने पहुंच रहा है।
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महाकाल लोक में लगेंगी नई प्रतिमाएं
सप्त ऋषियों की खंडित मूर्तियां नहीं लगाई जाएंगी। यहां सप्त ऋषियों की नई मूर्तियां लगाई जाएंगी। इसको लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने निर्देश जारी कर दिए हैं।
लोकायुक्त पहुंची थी शिकायत
उज्जैन के तराना से कांग्रेस विधायक महेश परमार ने लोकायुक्त से शिकायत की थी। इसमें एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर अंशुल गुप्ता ने पद का दुरुपयोग करते हुए ठेकेदार एमपी बावरिया को नियम विरुद्ध लोहे की GI शीट को अत्यंत महंगी पॉली कार्बोनेट शीट से बदलकर एक करोड़ रुपए का फायदा पहुंचाया। शिकायत में ये भी लिखा था कि उज्जैन स्मार्ट सिटी ने 6 फरवरी 2021 को पार्किंग शेड विद सोलर पीवी सिस्टम का टेंडर निकाला था। टेंडर 3.62 करोड़ का था। एमपी बावरिया ने 17.67% कम कीमत पर ये टेंडर हासिल किया। शिकायत के बाद उज्जैन के महाकाल लोक में तेज आंधी में धराशायी सप्तऋषि की 6 मूर्तियों के मामले में लोकायुक्त ने जांच शुरू कर दी है। 5 साल में संभवत: यह पहला मामला है, जब लोकायुक्त ने स्वत: संज्ञान लेकर किसी केस में ऐसे जांच दर्ज की है। लोकायुक्त जस्टिस एनके गुप्ता ने एक अखबार को बताया कि जांच दर्ज कर तकनीकी शाखा को भेज दी गई है।