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संजय गुप्ता, INDORE. पूरे देश, दुनिया में इंडियन प्रीमियम लीग (आईपीएल) का बुखार चढ़ना शुरू हो गया है और मप्र में अब क्रिकेट के इसी बुखार से आदिवासियों की राजनीति का रास्ता खुल गया है। इंदौर में पांच मार्च (बुधवार) से बीएमसीएल यानी बिरसा मुंडा क्रिकेट लीग शुरू हो रही है जो नौ अप्रैल तक चलेगा। आदिवासी सेक्टर में खासकर आदिवासी युवाओं के लिए लंबे समय से काम कर रहे डॉ. निशांत खरे द्वारा इसका आयोजन कराया जा रहा है। औपचारिक उद्देश्य है कि युवाओं को खेल में आगे बढ़ने के लिए मंच और अवसर मिले। वहीं इस आयोजन को सात माह बाद होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए पश्चिमी मप्र में तैयारी के तौर पर देखा जा रहा है। इस क्रिकेट के माध्यम से युवाओं को अपने साथ जोड़ने की बीजेपी की कोशिश है, ताकि यह युवा अपने क्षेत्रों में जाकर बीजेपी के लिए आगे और मैदान तैयार कर सकें।
इस तरह 27 विधानसभा सीटों पर है नजर
आयोजन के लिए खरगोन, खंडवा, धार, बड़वानी, अलीराजपुर, झाबुआ, देवास और इंदौर जिले की 27 विधानसभा सीटों पर नजर है। इसमें से 17 सीट आदिवासियों (एसटी) के लिए आरक्षित हैं, वहीं जो बाकी सीट हैं, तो वहां भी आदिवासी मतदाता प्रभावी संख्या में हैं यानी वह उनके रूख से ही तय होगा कि सीट किस दल के खाते में जाएगी, जिसमें भले ही खंडवा की सामान्य सीट बड़वाह की बात करें, धार जिले की धार सीट की बात करें या फिर खरोगन की कसरावद, खरगोन, इंदौर की महू सीट की बात हो। यह सभी आदिवासी मतदाता प्रभावित सीट हैं।
विधानसभा सीट के नाम पर ही बनी हैं टीमें
क्रिकेट की राजनीति को इस बात पर भी समझ सकते हैं कि क्रिकेट टूर्नामेंट के लिए बनी टीमों के नाम 27 विधानसभा सीटों पर ही रखे गए हैं और यहां टीम में एक ही क्षेत्र के खिलाड़ी होने की शर्त रखी गई है और इसके लिए आधार या वोटर कार्ड भी मांगा गया है।
इन सीटों के नाम पर बनी टीमें
इसमें खरगोन जिले की भगवानपुरा, भीकनगांव, सेंधवा, राजपुर, पानसेमल, महेशवर, कसरावद बड़वानी जिले की बड़वानी, अलीराजपुर जिले की अलीराजपुर और जोबट, झाबुआ जिले की झाबुआ, थांदला और पेटलावद, धार जिले की सरदापुर, गंधवानी, कुक्षी, मनावर, धरमपुरी, धार, इंदौर जिले की महू, खंडवा जिले की खंडवा और बड़वाह, देवास जिले की देवास, रतलाम जिले की रतलाम की टीम शामिल है।
बीते चुनाव में बीजेपी को मिली थी करार हार
इन सीटों की बात करें तो इन सीटों में से बीजेपी के हाथ में बीते साल 2018 चुनाव में महू, बड़वानी, झाबुआ, धार, रतलाम ग्रामीण, धार सीटों पर ही जीत हासिल हुई थी, वहीं दो निर्दलीय के पास गई थी तो 19 सीटों पर कांग्रेस ने जीत हासिल की थी। यानी अब क्रिकेट के जरिए यह सीटें वापस बीजेपी के पाले में लाने की तैयारी अभी से शुरू हो गई है।
डॉ. खरे कहते हैं युवाओं को मंच उपलब्ध कराना उद्देश्य
डॉ. खरे ने द सूत्र को बताया कि हमारे आदिवासी सेक्टर में कई प्रतिभावान युवा है जिन्हें कोई मंच नहीं मिलता है। यह मंच उपलब्ध कराने के लिए ही यह आयोजन हो रहा है, यहां से प्रतिभाओं को चिन्हित कर उन्हें आगे बढ़ावा दिया जाएगा। इसका कोई भी राजीनीतिक उद्देश्य नहीं है। द सूत्र के सवाल कि क्या इन्हें पेसा एक्ट आदि की जानकारी भी दी जाएगा जो जाकर अपने क्षेत्रों में यह बताएं। इस पर डॉ. खरे का कहना है कि टूर्नामेंट के दौरान सामान्य चर्चा होगी, जिसमें आदिवासियों को उनके आगे बढ़ने के लिए जो बेहतर हो सकता है, उन सभी की जानकारी देंगे, पेसा एक्ट की भी देंगे, लेकिन आयोजन का उद्देश्य यह नहीं है, यह युवाओं के मंच के लिए हैं, क्योंकि हमारा मानना है कि खेल और धर्म लोगों को जोड़ते हैं।