भोपाल/नई दिल्ली. देश में बिजली संकट गहराने की बात लगातार सामने आ रही है। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो मध्य प्रदेश के खंडवा स्थित सिंगाजी प्लांट में महज दो दिन का कोयला बचा है। यहां बिजली बनाने के लिए रोज 22 हजार मीट्रिक टन कोयले की जरूरत होती है, जबकि अभी प्लांट में 52 हजार मीट्रिक टन कोयला मौजूद है। सिंगाजी में रोज 6-7 रैक कोयले की जरूरत है। वहीं, देश में 135 प्लांट में बिजली बनाई जाती है। इनमें से 50 प्लांट्स में 4-10 दिन का कोयला स्टॉक मौजूद है।
मध्य प्रदेश में बिजली संकट
सिंगाजी ताप विद्युत परियोजना के इंजीनियर कोयले की सप्लाई बढ़ाने के लिए कोल इंडिया कंपनी से मिलने गए हैं। मध्यप्रदेश में 10 हजार मेगावाट बिजली उत्पादन की डिमांड है। इसे देखते हुए सिंगाजी ताप विद्युत परियोजना की 1, 2 और 3 नंबर की यूनिट से बिजली उत्पादन किया जा रहा है। कोयले की सप्लाई थम जाएगी तो यहां बिजली उत्पादन ठप हो जाएगा। इससे बिजली संकट की स्थिति बन जाएगी। इसलिए सरकार व मध्यप्रदेश पावर जनरेटिंग कंपनी के चारों पावर प्लांटों में कोयला पहुंचाने का प्रयास कर रही है।
क्या है संकट के कारण-
- अर्थव्यवस्था में सुधार आते ही बिजली की मांग काफी बढ़ गई।