इंदौर: बिजली आपूर्ति में अपने ही सिस्टम को चकमा दे रही बिजली कंपनी

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Lalit Upmanyu
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इंदौर: बिजली आपूर्ति में अपने ही सिस्टम को चकमा दे रही बिजली कंपनी

Indore. शहर में बरसों बाद बिजली कटौती को खिलाफ आंदोलन देखने को मिल रहे हैं। वहीं विभाग खुद कटौती से इनकार कर रहा है। यहां तक कि इसके लिए उसने बिजली आपूर्ति पर निगरानी रखने वाले अपने ही तकनीकी सिस्टम को चकमा देने के रास्ते निकाल लिए हैं, ताकि सतत आपूर्ति के दावे को पुख्ता कर सकें।



प्रदेश भर में फैले बिजली संकट का असर अब व्यावसायिक राजधानी इंदौर में भी दिखने लगा है। यहां शहर की कई कॉलोनियों में बिजली बार-बार गुल हो रही है। हालांकि यह कटौती छोटे-छोटे स्लॉट में हो रही है लेकिन 40-42 डिग्री तापमान होने से शहर को यह कटौती भी बर्दाश्त नहीं हो रही है। यही कारण है कि अब लंबे अरसे बाद बिजली कंपनी के जोन पर  कटौती के खिलाफ प्रदर्शन देखने को मिल रहे है। मंगलवार को बाबू मुराई कॉलोनी और आसपास के कॉलोनी वालों ने जोन पर प्रदर्शन किया।



कटौती और रख-रखान से दोहरा कष्ट



एक तरफ पश्चिचम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी बिजली कटौती कर रही है, वहीं दूसरी तरफ कई क्षेत्रों में उसका मानसून पूर्व का रख-रखाव शुरू हो गया है। पेड़ों की कटाई-छंटाई सहित अन्य तकनीकी खामियां ठीक करने के लिए कंपनी बिजली बंद करती है। यह कष्ट नियमित कटौती के इतर है। सोमवार को बैराठी कॉलोनी, टावर चौराहा, खातीवाला टैंक आदि हिस्सों में रख-रखाव के नाम पर सुबह साढ़े से छह से साढ़े दस बजे (चार घंटे) तक बिजली बंद रखी गई। इसी तरह दो घंटे के लिए (सुबह सात से नौ बजे तक) सिंधी कॉलोनी, जबरन कॉलोनी, पलसीकर कॉलोनी, रावजी बाजार, कटकटपुरा आदि क्षेत्रों में बिजली  बंद थी। 



तकनीकी सिस्टम को चकमा



विभाग ने सतत आपूर्ति पर नजर रखने के लिए स्काडा सिस्टम बना रखा है। इसमें बिजली आपूर्ति की स्थिति दर्ज होती रहती है। उसके आंकड़ों पर नजर डालेंगे तो लगेगा कि कंपनी सतत बिजली  दे रही है जबकि जानकारों का कहना है कि असलियत कुछ और है। एक तो यह सिस्टम शहर के कई फीडरों से जुड़ा ही नहीं है । खासकर  बाहरी इलाकों में बसी नई कॉलोनियों को इससे जोड़ा ही नहीं गया है, इससे उनकी आपूर्ति या कटौती इसमें दर्ज नहीं होती। दूसरा यह सिर्फ फीडर तक बिजली पहुंचने का रेकॉर्ड रखता है। फीडर से आगे ट्रांसफार्मर और वहां से घरों, संस्थानों में बिजली पहुंचाई जा रही है या नहीं इसका कोई रेकॉर्ड इसमें दर्ज नहीं होता है । कटौती ट्रांसफार्मर का जंपर निकालकर की जाती है, मतलब फीडर से चलने के बाद और घरों में पहुंचने के बीच ट्रांसफार्मर पर ही बिजली आपूर्ति रोक दी जाती है। 


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