देव श्रीमाली, GWALIOR. ग्वालियर में कीचड़ में फंसी एक कार में धक्का लगाते हुए मध्यप्रदेश के ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर का वायरल वीडियो और उससे जुड़ीं खबरें पूरे दिन सोशल मीडिया पर वायरल होकर चर्चा में रहीं। इसको लेकर कांग्रेस ने भी ट्वीट किया लेकिन अब तोमर ने सफाई देते हुए कहा कि वो मेरी गाड़ी नहीं थी बल्कि रास्ते में किसी की गाड़ी फंसी दिखी तो मैं मदद के लिए पहुंचकर धक्का लगाने लगा था।
शिवराज सरकार का अद्भुत विकास,
― कैबिनेट मंत्री प्रधुम्न सिंह तोमर की ही गाड़ी सड़क में फंस गई।
शिवराज जी,
ये है अमेरिका की सड़कें ❓ pic.twitter.com/jg0HPxP4bH
— MP Congress (@INCMP) January 16, 2023
मंत्री तोमर बोले- क्या मदद करना क्या बुरी बात है ?
ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने वीडियो वायरल होने के बाद कहा कि वो गाड़ी मेरी नहीं थी। मैं तो वहां सिर्फ मदद के लिए पहुंचा था। क्या मदद करना भी बुरी बात है ?
'कांग्रेस लोगों को गुमराह कर रही है'
राघौगढ़ नगर पालिका चुनाव में बीजेपी प्रत्याशियों के समर्थन में प्रचार करने गए मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने अपनी सफाई वहीं दी। मंत्री तोमर ने कहा कि कांग्रेस भ्रामक वीडियो फैलाकर जनता को गुमराह कर रही है। कांग्रेस ने ट्विटर पर वीडियो शेयर किया था।
मंत्री तोमर का कार में धक्का लगाने का वीडियो हुआ था वायरल
आपको बता दें कि सोमवार को सुबह जब ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर सड़क का निरीक्षण करने गए तो वहां फैले कीचड़ में एक युवक का पैर गंदा हो गया। मंत्री तोमर ने अपने हाथों से उस युवक के पैर धोए। ऊर्जा मंत्री का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। वहीं उसी शाम कीचड़ में फंसी कार को धक्का लगाते हुए मंत्री तोमर का वीडियो वायरल हो गया।
मंत्री तोमर ने जिस कार को धक्का लगाया वो किसकी ?
ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर का कहना है कि कीचड़ में फंसी कार उनकी नहीं थी। वो कार किसी और की थी। आपको बता दें कि कीचड़ में फंसी कार सरकारी ही थी क्योंकि कार के ऊपर 2 सायरन लगे हुए हैं। हालांकि मंत्री तोमर का कहना है कि वो कार उनकी नहीं थी। ये पता नहीं चला है कि कार असल में किसकी थी।
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खराब सड़कों के विरोध को लेकर चर्चा में रहे थे मंत्री तोमर
गौरतलब है कि ऊर्जा मंत्री सड़कों को लेकर लगातार चर्चा में आते रहे हैं। सबसे पहले कुछ महीने पूर्व उन्होंने अपने ग्वालियर विधानसभा क्षेत्र में खुदी पड़ी सड़कों को लेकर नाराजगी प्रकट करने के लिए अपने पैरों से चप्पलें उतार फेंकी थीं और घोषणा कर दी थी कि जब तक सड़कें नहीं बन जाती वे नंगे पैर ही घूमेंगे। कई महीनों बाद केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने उन्हें चप्पलें पहनाई थीं।