संजय गुप्ता, INDORE. प्रवासी भारतीय यानी डायस्पोरा आखिर कौन हैं वे खास शख्सियतें, जिनके लिए केंद्र और मध्यप्रदेश की सरकार ने पलक-पावड़े बिछा दिए हैं। इनके स्वागत और सम्मान के लिए खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू इंदौर आ रही हैं। भारत के ये खास मेहमान दुनियाभर के 100 से ज्यादा देशों में फैले करीब सवा तीन करोड़ भारतीयों के प्रतिनिधि हैं जो सरहद पार देश का नाम रोशन करने के साथ भारत और भारतीयों की तरक्की में खास योगदान भी देते रहे हैं। अपनी प्रतिभा और मेहनत के दम पर। इसी का नतीजा है कि साल 2022 में इन्होंने करीब 100 अरब डॉलर (822 अरब 73 करोड़ 65 लाख रुपए) की राशि स्वदेश यानी भारत में भेजी है जो, दुनिया में किसी भी अन्य देश के प्रवासियों द्वारा अपने देश में भेजी जाने वाली राशि से ज्यादा है।
दुनिया के 6 देशों के शासक, 30 देशों में 285 सांसद भारतीय मूल के
- दुनियाभर के 100 देशों में करीब सवा तीन करोड़ भारतीय मूल के लोग रहते हैं।
इन देशों में रहते हैं सबसे ज्यादा प्रवासी भारतीय
अमेरिका में 44.60 लाख, यूएई 34.25 लाख, मलेशिया 29.87 लाख, सऊदी अरब 25.94 लाख, म्यामांर 20 लाख, यूके 18.92 लाख, कनाडा 16.90 लाख, श्रीलंका 15 लाख, दक्षिण अफ्रीका 14.90 लाख, कुवैत में 10 लाख प्रवासी भारतीय रहते हैं।
प्रवासी भारतीय को डायस्पोरा क्यों कहते हैं
डायस्पोरा (Diaspora) ग्रीक भाषा का शब्द है। ग्रीक में इसका मतलब बीजों को बिखेरना (scattering of seeds) होता है। बाद में डायस्पोरा शब्द का उपयोग ज्यू समुदाय के लोगों के लिए होने लगा जिन्हें विभिन्न देशों से बाहर निकाल दिया गया और वे दूसरे देश में बस गए। अब डायस्पोरा यानी प्रवासी शब्द आमतौर पर उन्हीं लोगों के लिए उपयोग किया जाता है जो किन्हीं वजहों से अपने मूल देश से बाहर रह रहे हों। भारत से जो लोग दूसरे देशों में रहने चले गए उन्हें ही इंडियन डायस्पोरा या प्रवासी भारतीय (एनआरआई) कहते हैं। वर्तमान में अधिकांश भारतीय ब्रिटेन, अमेरिका और खाड़ी देशों में जाना ज्यादा पसंद करते हैं।
विदेश और भारत के बीच सेतु की तरह काम करते हैं
प्रवासी भारतीय देश के लिए काफी अहम होते हैं, यह विदेश और देश के बीच ब्रिज की तरह काम करते हैं। विदेशों में होने वाले आयोजनों में देश की बात रखते हैं। वहां की संसद में भी भारतीयों के हित की बात रखने में अहम भूमिका निभाते हैं। विदेशों में भारत की उपलब्धियों को रखने के लिए मंच मुहैया कराते हैं।
9 जनवरी को ही क्यों मनाते हैं प्रवासी भारतीय दिवस
राष्ट्रपिता महात्मा गांधी इसी दिन 9 जनवरी 1951 को साउथ अफ्रीका से भारत लौटे थे। गांधी जी को सबसे बड़ा प्रवासी माना जाता है जिन्होंने विदेश से स्वदेश वापस आकर देश को अंग्रेज शासन से आजादी दिलाने में महती भूमिका निभाई। उन्हीं की याद में देश में अलग-अलग स्थानों पर यह आयोजन किया जाता है। यह आयोजन हर 2 साल में होता है। 2 साल पहले दुनिया में कोविड महामारी फैलने पर यह आयोजन वर्चुअल हुआ था। 4 साल बाद यह भौतिक रूप में हो रहा है।
इंदौर में 8 से 10 जनवरी तक आयोजन
17वां भारतीय प्रवासी दिवस का आयोजन 8 से 10 जनवरी तक इंदौर में हो रहा है। प्रवासी भारतीय दिवस की इस बार की थीम 'प्रवासी: अमृत काल में भारत की प्रगति के लिए भरोसेमंद भागीदार" है और मध्यप्रदेश इसका पार्टनर स्टेट है। प्रवासी भारतीय दिवस (पीबीडी) सम्मेलन भारत सरकार का प्रमुख कार्यक्रम है। लगभग 70 विभिन्न देशों के 3 हजार 500 से अधिक प्रवासी सदस्यों ने पीबीडी सम्मेलन के लिए पंजीयन कराया है।
8 जनवरी का आयोजन
8 जनवरी 2023 को युवा प्रवासी भारतीय दिवस का उद्घाटन युवा कार्यक्रम और खेल मंत्रालय के साथ साझेदारी में होगा। युवा प्रवासी भारतीय दिवस पर ऑस्ट्रेलिया की सांसद सुश्री ज़नेटा मैस्करेनहास मुख्य अतिथि होंगी।
9 जनवरी का आयोजन
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 9 जनवरी को पीबीडी सम्मेलन का औपचारिक उद्घाटन करेंगे। इस कार्यक्रम में गुयाना गणराज्य के राष्ट्रपति डॉ. मोहम्मद इरफान अली मुख्य अतिथि और सूरीनाम गणराज्य के राष्ट्रपति चंद्रिका प्रसाद संतोखी विशेष अतिथि के रूप में सम्मेलन को संबोधित करेंगे। इस अवसर पर एक स्मारक डाक टिकट 'सुरक्षित जाएं, प्रशिक्षित जाएं' जारी किया जाएगा जो सुरक्षित, कानूनी, व्यवस्थित और कुशल प्रवासन के महत्व को रेखांकित करेगा। भारत की स्वतंत्रता में हमारे प्रवासी स्वतंत्रता सेनानियों के योगदान को उजागर करने के लिए प्रधानमंत्री "आजादी का अमृत महोत्सव - भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में प्रवासी भारतीयों का योगदान" विषय पर पहली बार डिजिटल प्रवासी भारतीय दिवस प्रदर्शनी का भी उद्घाटन करेंगे। जी-20 में भारत की वर्तमान अध्यक्षता के मद्देनजर, 9 जनवरी को एक विशेष टाउन हॉल भी आयोजित किया जाएगा जिसे जी-20 के शेरपा और नीति आयोग के अमिताभ कांत संबोधित करेंगे।
10 जनवरी को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु 27 लोगों को प्रवासी भारतीय सम्मान पुरस्कार 2023 प्रदान करेंगी और समापन सत्र की अध्यक्षता करेंगी।
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पीबीडी सम्मेलन में ये 5 खास सत्र भी होंगे
- पहला पूर्ण सत्र केंद्रीय युवा कार्यक्रम और खेल मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर की अध्यक्षता में 'नवाचारों और नई प्रौद्योगिकियों में प्रवासी युवाओं की भूमिका' पर होगा।